जांजगीर-चांपा: प्रदेशभर में पिछले आठ महीने से किसान ऋण पुस्तिका यानी किसान भू-स्वामी अधिकार पुस्तिका की छपाई नहीं हो पा रही है. यही कारण है कि इन दिनों पटवारी कार्यालय में किसानों की भीड़ जमा हो रही है. किसानों के लिए बड़ी चिंता यह है कि बिना इस पुस्तिका के किसान अपना उत्पादित धान भी नहीं बेच पाएंगे.
वह किसान जो पुरानी भू-अधिकार पुस्तिका के बदले नई पुस्तिका बनवाते हैं या फिर जमीन की खरीदी-बिक्री और पैतृक भूमि बंटवारे के बाद भूमि स्वामित्व के लिए यह पुस्तिका बनाई जाती है. बिना भू-स्वामित्व पुस्तिका के सहकारी समितियों में पंजीयन नहीं हो पा रहा है.
लगाने पड़ रहे पटवारी कार्यालय के चक्कर
बिना भूमि स्वामित्व पुस्तिका के जहां किसानों के दूसरे कार्य भी नहीं हो पा रहे हैं. वहीं धान की बिक्री के लिए भी उन्हें परेशानी होगी. यही वजह है कि आजकल पटवारी कार्यालय में बड़ी संख्या में किसान भू-स्वामित्व पुस्तिका पाने के लिए चक्कर लगा रहे हैं.
10 हजार से ज्यादा पुस्तिका की जरूरत