छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

Janjgir champa : आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, बीजेपी बता रही अपनी जीत - सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ में पुराना आरक्षण सिस्टम पर लगे हाईकोर्ट के स्टे को बहाल कर दिया है. अब प्रदेश में पुराने आरक्षण सिस्टम पर ही भर्तियां होंगी.ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का श्रेय बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल लेने में जुटे हैं.

Janjgir champa latest news
आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी का बयान

By

Published : May 3, 2023, 4:16 PM IST

आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, बीजेपी बता रही अपनी जीत

सक्ती : आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले के बाद जहां एक ओर रुकी हुई भर्तियां और रोजगार के रास्ते खुलते हुए दिख रहे हैं. वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण पर आए फैसले के बाद कांग्रेस और बीजेपी में श्रेय लेने की होड़ मच चुकी है. बीजेपी विधायक रजनीश सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार में आने से पहले कांग्रेस के नेता ही 58 प्रतिशत आरक्षण का विरोध कर रहे थे. उनके नेता ने ही बीजेपी सरकार के समय हाईकोर्ट में 58 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ याचिका लगाई थी. 2012 में बीजेपी सरकार ने 58 प्रतिशत आरक्षण लागू करने का काम किया था. लेकिन कांग्रेस के नेता रोड़ा बने रहे और हाई कोर्ट में याचिका लगाकर इसे लागू करने से रोका. जब इनकी सरकार बनी तो इस मामले में हाईकोर्ट में 9 पेशी हुई. जिसमें इनकी तरफ से कोई वकील खड़ा नहीं हुआ.


आरक्षण पर राजनीति का आरोप :विधायक रजनीश सिंह ने प्रदेश सरकार पर आरक्षण पर राजनीति करने का आरोप लगाया. विधायक के मुताबिक प्रदेश में सरकार की आर्थिक स्थिति खराब है. इसलिए आरक्षण के नाम पर राजनीति कर रही है.आरक्षण का पेंच फंसाकर कांग्रेस युवाओं को रोजगार देने से बच रही है. कांग्रेस केवल समाज में विभेद पैदा करने, 'बांटो और राज करो' की नीति के तहत राजनीतिक रोटियां सेंक रही है. कांग्रेस नेता पद्मा मनहर और केपी खांडे ने हाईकोर्ट जाकर आदिवासियों का आरक्षण रुकवाया. इसी तरह पिछड़े वर्ग को दिए आरक्षण के विरुद्ध कांग्रेस सरकार में ही कुणाल शुक्ला ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर आरक्षण रुकवाया. जिसका पुरस्कार केपी खांडे को आयोग का अध्यक्ष बनाकर दिया. वहीं कुणाल शुक्ला को कबीर शोधपीठ का अध्यक्ष बनाया गया. ऐसा दोहरा चरित्र केवल कांग्रेस का ही हो सकता है.

ये भी पढ़ें- बघेल राज में फल फूल रहा है ट्रांसफर उद्योग: ओपी चौधरी


आंदोलन के डर से सुप्रीम कोर्ट गई सरकार :बीजेपी के मुताबिक 19 अप्रैल 2022 को भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में वैधानिक तरीके से पक्ष रखने के लिए कहा था.राहत नहीं मिलने पर आदिवासी संगठनों के साथ रायपुर के शहीद वीरनारायण सिंह के बलिदान स्थल जयस्तंभ चौक पर आमरण अनशन की चेतावनी दी गई थी.जिसके बाद कुंभकर्णी नींद में सोई भूपेश सरकार नींद से जागी और 25 अप्रैल 2023 को सुप्रीम कोर्ट में अर्जेंट हियरिंग का निवेदन किया. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 1 मई को बीजेपी शासनकाल के 58% वाले आरक्षण अधिनियम के हाईकोर्ट के स्टे को रोका.

ABOUT THE AUTHOR

...view details