जांजगीर चांपा: महिला एवं बाल विकास और पुलिस विभाग के संयुक्त प्रयास से एक नाबालिग का बाल विवाह रुकवाया गया. बाल विवाह की जानकारी लगते ही कलेक्टर के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी के मार्गदर्शन में नाबालिग के परिजनों को समझाइश देकर बाल विवाह रुकवाया गया. इस कार्रवाई को जिला बाल संरक्षण अधिकारी गजेन्द्र सिंह जायसवाल ने मौके पर पहुंचकर पूरा किया.
पुलिस विभाग से समन्वय करते हुए ग्राम नैला सिवनी में बालिका के घर जाकर पड़ताल की गई. इस दौरान बालिका के उम्र सत्यापन के लिए बालिका की अंकसूची मांगी लेकिन परिजनों की ओर से अंकसूची नहीं पेश की गई. उम्र छुपाई जाने की स्थिति टीम ने बालिका के स्कूल जाकर बालिका का दाखिल की तारीक जांची गई.
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बालिका की उम्र 17 वर्ष 09 माह होना पाया गया. बालिका का विवाह आज 29 नवम्बर को निर्धारित था. बारात पहुंच गई थी. जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास एवं चाइल्ड लाइन के कर्मचारियों की ओर से बालिका के तथा बालिका के माता-पिता एवं तथा स्थानीय लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया एवं समझाइश के बाद सरपंच एवं स्थानीय लोगों की उपस्थिति में बालिका के माता-पिता की सहमति से बालिका का विवाह रोका गया. दल में जिला बाल संरक्षण इकाई से शिवनंदन सिंह मरकाम आउटरीच वर्कर तथा परियोजना जांजगीर से प्रीति सिंह, चाइल्ड लाइन से नरेंद्र कुमार चंद्रा प्रभारी समन्वयक प्रभा गढेवाल काउंसलर तथा पुलिस विभाग सहायक उप निरीक्षक बरेठ शामिल थे.
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 (Child Marriage Prohibition Act 2006) के तहत विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष तथा लड़के की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है. निर्धारित उम्र से कम होने की स्थिति में बाल विवाह करने पर पुलिस विभाग की ओर से अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवाह करने वाले माता-पिता, विवाह में सम्मिलित होने वाले रिश्तेदार, विवाह कराने वाले पंडित के विरूद्ध कार्रवाई की जावेगी. अधिनियम के तहत 02 वर्ष के कठोर सश्रम कारावास तथा 01 लाख के जुर्माने और दोनों से दंडित किया जाने का प्रावधान है.