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जांजगीर-चांपा: कैसे पढ़ेंगे बच्चे, जिले के सरकारी स्कूलों में टीचर्स ही नहीं हैं

जांजगीर चांपा में 1 हजार 335 सरकारी स्कूल हैं. जिसमें 1 हजार से ज्यादा शिक्षकों की कमी है. शिक्षकों की कमी की वजह से बच्चों की पढ़ाई में परेशानी आ रही है.

स्कूल में शिक्षकों की कमी

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Published : Jul 8, 2019, 1:48 PM IST

जांजगीर-चांपा:छत्तीसगढ़ में शिक्षा के उत्थान को लेकर किये गए तमाम दावों के बाद भी स्कूलों की स्थिति जस की तस बनी हुई है. जिले के तमाम सरकारी स्कूल इन दिनों शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रही है. प्राइमरी से लेकर मीडिल, हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में शिक्षकों के सैकड़ों पद खाली है. जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है.

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जांजगीर चांपा में 1 हजार 335 सरकारी स्कूल है. जिसमें 1 हजार से ज्यादा शिक्षकों की कमी है. इसमें से 39 विद्यालय ऐसे विद्यालय हैं. जिसमें महज एक ही शिक्षक पदस्थ हैं.

शिक्षकों की मार से जूझ रहे स्कूल
जिले में 1 हजार 335 सरकारी स्कूल है. जिसके लिए 7 हजार 622 शिक्षकों की संख्या मंजूर है, लेकिन 6 हजार 287 शिक्षक ही यहां पदस्थ हैं. प्रधान पाठक से लेकर व्याख्याता, सहायक शिक्षक और प्राचार्य तक के पद खाली हैं. ऐसे में चालू सत्र में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.

39 स्कूलों में एक-एक शिक्षक
स्कूलों में शिक्षकों की कमी के बीच पिछले सत्र में अध्यापन व्यवस्था के तहत अटैच किये गए शिक्षकों को नए सत्र के पहले ही मूल शालाओं में भेज दिया गया है. इस वजह से 30 प्रायमरी और 9 मीडिल स्कूल मिलाकर 39 स्कूल एकल शिक्षकीय स्कूल है.

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शिक्षकों की कमी जल्द होगी पूरी
मामले में जिला शिक्षा अधिकारी एसके तोमर ने बताया कि जल्द ही नए शिक्षकों की भर्ती होने वाली है, जिससे आगामी भर्ती में शिक्षकों की कमी पूरी हो जाएगी. इससे छात्रों की पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आएगी.

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