आजादी के 70 साल बाद भी यहां पर अब तक पक्की सड़क नहीं पहुंच पाई है. लोग पगडंडी के सहारे या फिर कच्ची सड़क के सहारे आने-जाने को मजबूर हैं. बरसात के दिनों में यहां के हालात और बदतर हो जाते हैं. ग्रामीण सरकार की तमाम सुविधाओं से वंचित हैं.
स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था से वंचित
यहां पर स्वास्थ्य के लिए 108 और 102 जैसी सुविधाएं नहीं पहुंच पाती हैं. ऐसे में मरीजों को खाट में उठाकर ले जाना पड़ता है. वहीं सड़क न होने के कारण छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
आला अफसरों को दी जानकारी
ग्रामीणों ने मामले की जानकारी आला अधिकारी और जनप्रतिनिधियों को दी थी. लेकिन आज तक उनके समस्या का कोई समाधान नहीं निकल पाया है. ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के दौरान नेता बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन वो दावों पर खरा नहीं उतर पाते.
मीडिया से बचते नजर आए अफसर
वहीं जब आला अधिकारियों से मामले पर जवाब मांगा गया तो वे मीडिया से बचते नजर आए. ऐसे में अब वक्त ही बताएगा कि मीडिया में ये मामला आने के बाद आला अधिकारी इसपर क्या कदम उठाते हैं. या फिर ग्रामीण वही जिंदगी जीने को मजबूर होंगे.