जांजगीर चांपा के खिलाड़ियों का इंटरनेशनल कराटे प्रतियोगिता में चयन, नेशनल कराटे में दिखाया जोरदार दम
Janjgir Champa Sports News: जांजगीर चांपा के कराटे खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपना दम दिखाया है. अब ये खिलाड़ी बंगलादेश के ढाका में आयोजित इंटरनेशनल प्रतियोगिता में अपना जलवा दिखाएंगे.
जांजगीर चांपा के खिलाड़ियों का इंटरनेशनल कराटे प्रतियोगिता में चयन
जांजगीर चांपा के खिलाड़ियों का इंटरनेशनल कराटे प्रतियोगिता में चयन
जांजगीर चाम्पा: जिले के गरीब बच्चों ने नेशनल कराटे प्रतियोगिता में दम दिखाया है. खिलाड़ियों ने मेडल जीतकर छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ाया है. अब ये खिलाड़ी 28 दिसंबर को बंगलादेश के ढाका में इंटरनेशनल प्रतियोगिता में शामिल होंगे.
मेडल से बढ़ाया मान: राष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में मेडल जीतने के बाद ये खिलाड़ी कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. खिलाड़ियों ने सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीतकर छत्तीसगढ़ का नाम रौशन किया. महिला वर्ग में 2 और पुरुष वर्ग में 2 गोल्ड मेडल जीतकर इंटरनेशनल गेम का टिकट हासिल कर लिया. इस उपलब्धि पर कलेक्टर और एसपी ने सभी खिलाड़ियों को जीत की बधाई दी, और उनका हौसला बढ़ाया.
कराटे की ट्रेनिंग की कहानी दिलचस्प: नेशनल गेम में सिल्वर मेडल हासिल करने वाली खिलाड़ियों की कहानी भी बड़ी ही अजीब है.
"आत्मरक्षा के लिए कराते गांव में ही सीखना शुरू किया, और शादी के बाद कराटे से दूर हो गई थी. शादी के 8 साल बाद फिर से कराटे शुरू की. तीन बच्चे हैं, जिसमें से एक अभी भी आंचल से लगा रहता है, इन सबके बावजूद तालमेल बिठाकर बच्चों को मां का प्यार और परिवार की सेवा के साथ प्रदेश और देश का नाम बढ़ाया." ज्योति भारद्वाज, सिल्वर मेडलिस्ट खिलाड़ी
प्रशासन से मदद की गुहार: अविनाश यादव और यूनिसा टंडन ने बताया कि, पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद घर में लोग उन्हें पूरा सपोर्ट करते रहे. कोच भी कराटे की जबरदस्त ट्रेनिंग दी. इन लोगों का कहना है कि, स्थानीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में जाने के लिए ज्यादा परेशानी नहीं होती, लेकिन बाहर जाने के लिए कर्ज भी लेना पड़ता है. इनलोगों ने शासन प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.
"दिल्ली के नोएडा इंडोर स्टेडियम में आयोजित रॉयल चैलेंज कप नेशनल कराटे चैम्पियनशिप में कराटे एसोसिएशन के खिलाड़ियों ने फाइट और काता में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया. 13 राज्यों की टीमों को हरा कर प्रथम स्थान पर रहे. काता में 3 गोल्ड, 3 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज मेडल जीता. फाइट में सभी खिलाड़ियों ने 2 गोल्ड, 7 सिल्वर और 14 ब्रॉन्ज मेडल जीतकर पूरे भारत में छत्तीसगढ़ का परचम लहरा दिया." मुरली नायर, कराते एसोसिएशन के उपाध्यक्ष
जिले के खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा से सभी का मान बढ़ाया है. अब जरूरत है इन गरीब खिलाड़ियों के हौसले बढ़ाने के लिए मदद करने की. आर्थिक तंगी के बावजूद ये लोग अपना बेहतर देने में लगे हैं. अगर मदद मिल जाए तो इनके लिए सोने पर सुहागा होगा.