Janjgir Champa Assembly: आखिर कांग्रेसी किस मकसद से खरीद रहे नामांकन फार्म, जांजगीर चांपा जिले के दो पूर्व विधायकों ने लिया नामांकन फार्म
Janjgir Champa Assembly जांजगीर चांपा जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर सभी पार्टियों के प्रत्याशी और दूसरे नेता नामांकन भर रहे हैं. टिकट कटने से नाराज कांग्रेस के दो पूर्व विधायकों ने भी नामांकन भरा है.
जांजगीर चांपा:जिले की तीनों विधानसभा सीट अकलतरा, जांजगीर चांपा और पामगढ़ विधानसभा सीट से प्रत्याशियों की घोषणा के बाद कांग्रेस की अंदरूनी कलह सामने आ रही है. तीनों विधानसभा क्षेत्रों से 17 कांग्रेस नेताओं ने नामांकन फॉर्म खरीदा है. इसमें पूर्व विधायक भी शामिल है. अब तक कांग्रेस, बीजेपी, बसपा और आप पार्टी के साथ निर्दलीय 67 अभ्यर्थियों ने नामांकन जमा किया है.
अकलतरा विधानसभा:अकलतरा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने राघवेन्द्र सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है. जिसके बाद पूर्व विधायक चुन्नी लाल साहू ने नामांकन फॉर्म खरीदा है. कांग्रेस के पूर्व विधायक द्वारा नामांकन फार्म भरना किसी बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रहा है.
जांजगीर चांपा से कांग्रेस ने व्यास कश्यप को दिया टिकट: जांजगीर चांपा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 34 से मोतीलाल देवांगन, रामकुमार साहू, व्यास कश्यप, ज्योति सिंह, बीना साहू ने नामांकन फार्म खरीदा है. मोती लाल देवांगन ने जांजगीर चांपा विधानसभा से कांग्रेस पार्टी के टिकट की दावेदारी की थी लेकिन पार्टी ने व्यास कश्यप को प्रत्याशी घोषित कर दिया. व्यास कश्यप ने अपना पहला सेट नामांकन भी भर दिया है, इसके बाद भी प्रत्याशी बदलने की संभावना को देखते हुए तैयारी करने की भी चर्चा चल रही है.
गोरे लाल ने थामा छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस का दामन: पामगढ़ विधानसभा सीट पर भी समीकरण सही नहीं दिख रहे हैं. गोरे लाल बर्मन पामगढ़ विधानसभा से दो बार कांग्रेस के प्रत्याशी रहे और इस बार भी कांग्रेस से टिकट मिलने की उम्मीद में थे लेकिन कांग्रेस ने शेष राज हरबंश को टिकट दे दिया. जिसके बाद गोले लाल ने रायपुर से लेकर दिल्ली तक पार्टी के फैसले का विरोध जताया. इसके बाद जेसीसीजे में शामिल होकर पामगढ़ सीट से नामांकन पत्र लिया.
कांग्रेस के टिकट वितरण के बाद से जांजगीर चांपा जिले की तीनों विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के पदाधिकारियों में असंतोष की भावना सामने दिखने लगी. जिसका परिणाम कुछ लोग पार्टी छोड़ कर दूसरी पार्टी में चले गए और जो बचे है उनमे भी अब तक प्रत्याशी बदलने की संभावना बनी हुई है.