सक्ती में टूटा लोगों का आशियाना ! सक्ती :होली का त्यौहार आने वाला है. बाजार रंग पिचकारी और गुलाल से सज चुके हैं. होली के पहले कई परिवार तैयारियों में जुटे हैं. लेकिन सक्ती में कुछ लोग ऐसे हैं जिनके जीवन में होली खुशियों का रंग लेकर नहीं आएगी.क्योंकि इस त्यौहार के पहले इनके सिर से छत छिन चुकी है.ये गरीब लोग दो वक्त की रोटी के इंतजाम के साथ साथ अब अपनी रातें खुले आसमान के नीचे बिता रहे हैं.
बुधवारी बाजार से हटा अतिक्रमण :सक्ती में अतिक्रमण हटाने का काम लगातार चल रहा है. शुक्रवार को सक्ती जिला प्रशासन ने बुधवारी बाजार को अतिक्रमण मुक्त बनाने का अभियान शुरु किया था . जिसमें छोटे बड़े 200 से ज्यादा मकान और दुकानों को हटा दिया गया. बुधवारी बाजार में छोटे छोटे मकान बनाकर रह रहे कई लोग भी अतिक्रमण हटाओ अभियान की जद में आ गए . जिनके पास दूसरी व्यवस्था थी वो लोग अपने समान और परिवार के साथ दूसरी जगह चले गए . लेकिन कई गरीब परिवार अभी भी सड़क किनारे पनाह लेने के लिए मजबूर हैं.
जिले के मुताबिक अब शहर का विकास : वहीं सक्ती नगर के लोगों के मन में सवाल भी है कि आखिर भयंकर तोड़फोड़ के पीछे की वजह क्या है. इन सब सवालों को लेकर जब हमने सक्ती कलेक्टर से जवाब मांगा तो कलेक्टर ने कहा कि '' सक्ती को अब जिले का स्वरूप देना है. रिहायशी और व्यावसायिक एरिया को अलग कर नगर को विकसित करना है. साथ ही स्पोर्ट्स को लेकर भी सक्ती को आगे बढ़ाना है.'' वही गरीबों के आशियाने टूटने को लेकर कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि '' उनकी सूची बना ली गई है. उन तक सरकारी मदद पहुंचाई जाएगी.''
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जिला बनने की कीमत : सक्ती के जिला बनने के बाद लोगों के मन में खुशियां और उम्मीदें थी.कि जिला बनने के बाद क्षेत्र का विकास होगा.लेकिन इन तस्वीरों को देखने के बाद अब उन्हीं लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.लोगों ने तब ये नहीं सोचा था कि विकास के नाम पर त्यौहार से पहले गरीबों का आशियाना छीना जाएगा.लेकिन दूसरी तरफ ये भी बात है कि शहर का आकार और स्वरुप बढ़ाने के लिए इस तरह की कार्रवाई कई जगहों पर देखने को मिलेगी.