जांजगीर-चांपा: सक्ती थाना में पदस्थ आरक्षक पुष्पराज सिंह की लाश संदिग्ध परिस्थितियों में जांजगीर के केरा रोड पर बिजली के तार से लिपटी हालत में मिली है. घटना बीती रात की है. देर रात ही पुलिस ने शव को मौके से हटा कर जिला अस्पताल के मर्च्युरी में रखवा दिया था. शुक्रवार सुबह जब मृतक आरक्षक के भाई जिला हॉस्पिटल पहुंचे तब उन्होंने इसे हाई प्रोफाईल मर्डर बताया.
मृतक आरक्षक पुष्पराज सिंह के भाई जगदीप ठाकुर ने पुलिस के अधिकारियों पर लगाया है कि उनका भाई सक्ती थाना प्रभारी के किसी बड़े मामले का खुलासा करने वाला था. जगदीप ठाकुर ने मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. इस मामले में पुलिस ने जांच और कार्रवाई की बात कही है.
एक साल का वेतन सीएम राहत कोष में दान देने वाले आरक्षक की करंट लगने से मौत
सीएम रिलीफ फंड में दी थी 1 साल की सैलरी
आरक्षक पुष्पराज सिंह उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने अपना साल भर का वेतन कोरोना से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष मे दान कर दिया था. जिसके बाद मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने इनकी सराहना की थी. साथ ही सोशल मीडिया पर भी तरीफ की थी.
लगातार उठाते रहे हैं आवाज
आरक्षक पुष्पराज सिंह पुलिसकर्मियों के हितों की लड़ाई भी लड़ते थे. ये पुलिसकर्मियों के हितों की लड़ाई लड़ने वाले संगठन के प्रमुख चेहरों में से एक थे. पुष्पराज सिंह लगातार सोशल मीडिया पर भी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ पोस्ट करते थे. छोटे कर्मचारियों के शोषण पर आवाज उठाते थे. उनके इस क्रांतिकारी रवैये की वजह से ही वे 6 बार निलंबित और एक बार बर्खास्त भी किए गए. लेकिन फिर बहाल हुए. दो साल पहले भी उन्होंने सक्ती थाना प्रभारी पर सक्ती क्षेत्र में मोटी रकम लेकर जुआ खिलवाने का आरोप लगाया था. इस मामले मे जांच अधिकारी एसडीओपी संदीप मित्तल ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत की परिस्थितियों और आरोपों पर जांच और कार्रवाई की बात कही है.