छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

Crocodile Baby In Kotmi Sonar: जांजगीर चांपा का कोटमी सोनार गांव, जहां मगरमच्छ के बच्चों के साथ खेलते हैं बच्चे

Crocodile Baby In Kotmi Sonar: जांजगीर चांपा के कोटमी सोनार गांव में मगरमच्छ के बच्चे के साथ गांव के बच्चे खेलते हैं. यहां गलियों में मगरमच्छ के बच्चों का मिलना आम बात है.

crocodile baby
मगरमच्छ के बच्चे

By

Published : Jul 12, 2023, 10:38 PM IST

कोटमी सोनार गांव में मगरमच्छ

जांजगीर चांपा: जांजगीर चांपा के कोटमी सोनार में इन दिनों गली-गली मगरमच्छ का बच्चा मिलना साधारण बात है. बरसात आते ही गांव में मगरमच्छ के बच्चे मिलने लग जाते हैं. यही कारण है कि, इस गांव के बच्चे भी मगरमच्छ के बच्चों के साथ खेलते नजर आते हैं. इनके अंदर मगरमच्छ को लेकर कोई खौफ नहीं होता है.

खिलौना समझ खेलने लगा बच्चा:बता दें कि रविवार को गांव के जगत तालाब के पास रहने वाले बिज्जू प्रजापति की बाड़ी में एक छोटा मगरमच्छ घूमता नजर आया. इसे देखने के लिए बच्चों की भीड़ लगा गई. 8 साल के ऋषभ ने उसे खिलौने की तरह उठा लिया और खेलने लगा. बच्चों के पास मगरमच्छ का बच्चा होने की सूचना पर परिजनों ने सावधानी के साथ मगरमच्छ के बच्चे को तालाब में छोड़ दिया.

Tiger panic in Manendragarh Chirmiri Bharatpur: 150 से ज्यादा गांव में आदमखोर बाघ का खौफ
Pets Care In Monsoon: ऐसे करें मानसून में पेट्स की देखभाल, ताकि आपके पालतू जानवर न हो बीमार !
Story of animal lover of Raipur : आवारा पशुओं के मसीहा रिटायर्ड इंजीनियर राजीव खन्ना, बेजुबानों पर खर्च करते हैं पेंशन



मगरमच्छों के प्रजनन के लिए ये तालाब सही : दरअसल, कोटमी सोनार गांव एशिया के प्रमुख मगरमच्छ पार्को में अपनी पहचान बना चुका है. इस गांव के मुढ़ा तालाब को मगरमच्छों के लिए पार्क के तौर पर विकसित किया गया है. यहां गांव के सभी तालाबों से निकाल कर सैकड़ों मगरमच्छों को रखा गया है. वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक कोटमी सोनार का तालाब मगरमच्छ के प्रजनन के लिए भी अनुकूल है. यही कारण है कि यहां मगरमच्छों का वंश लगातार बढ़ रहा है.

कहां से आया मगरमच्छ किसी को नहीं पता:कोटमी सोनार गांव में मगरमच्छ कब और कहां से आया इसका कोई प्रमाण नहीं है. गांव के लोगों का कहना है कि बुजुर्गो से हमेशा से ही गांव के तालाबों में मगरमच्छ होने की बात सुनते आ रहे हैं. क्रोकोड़ाइल पार्क बनने से पहले गांव के तालाब के मगरमच्छ जिस तालाब में रहते थे, उसी तालाब में लोगों का निस्तारी भी होता था. हालांकि कभी भी मगरमच्छ ने लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाया.

सरकार ने पार्क में लगवाई जाली:कई बार बरसात के दिनों में मगरमच्छ घर और बाड़ी तक पहुंच जाते थे. इसे देखते हुए सरकार ने मगरमच्छ पार्क में जाली लगा दिया है. तालाब के आसपास अंडा देने के लिए भी कई ठिकाना बनाया गया है. जब बारिश में बिजली की चमक और गर्जना के साथ अंडा फूटता है तो उसमें से मगरमच्छ के बच्चे बाहर निकलते है और गांव के अंदर भी घुस जाते है.

ग्रामीणों को दी गई ट्रेनिंग:वन विभाग ने कोटमी सोनार गांव मे मगरमच्छ की संख्या को देखते हुए किसी भी दुर्घटना का सामना करने के लिए गांव के अधिकांश लोगों को मगरमच्छ पकड़ने का तरीका बता दिया है. इसके लिए बाकायदा विभाग ने ग्रामीणों को ट्रेनिंग भी दी है.यही कारण है कि अब गांव के लोग मगरमच्छ के बच्चों को पकड़ कर फिर से पार्क में डाल देते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details