जांजगीर चांपा: शुक्रवार से जांजगीर चांपा में चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन राहुल साहू खत्म हो (Operation Rahul Successful ) गया है. राहुल साहू को बोरवेल से निकाल लिया (Child rescued from borewell in Jangjir champa) गया है. उसे अब एंबुलेंस के जरिए बिलासपुर के अपोलो (Operation 101 successful) अस्पताल ले जाया गया (chhattisgarh Operation Rahul Successful). सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. उन्होंने इसे देश का सबसे कठिन रेस्क्यू ऑपरेशन बताया.
सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर लिखा कि 104 घण्टे तक चले दुष्कर ऑपरेशन के बाद राहुल सुरंग से बाहर आ गया है. बोरवेल में फंसे राहुल को अंततः निकाल लिया गया है. स्वास्थ्य परीक्षण के लिए राहुल की ग्रीन कॉरिडोर से बिलासपुर रवानगी कर दी गई है.
सोमवार को रेस्क्यू ऑपरेशन में क्या हुआ: सोमवार सुबह 6 बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू (Operation Rahul completed in Janjgir Champa) किया गया. बोरवेल तक पहुंचने के लिए 20 से ज्यादा की होरिजेंटल खुदाई की गई. इस बीच बड़ी चट्टान के आने की वजह से सुरंग बनाने में काफी परेशानी आई. इस चट्टान (Rahul Sahu taken out of the borewell) को काटने के लिए बिलासपुर से ड्रिल मशीन बुलाई गई. इसी मशीन से चट्टान को काटकर राहुल तक पहुंचने के लिए टनल बनाया गया. इस तरह राहुल साहू तक पहुंचा जा सका.
रविवार और शनिवार को क्या हुआ: रोबोटिक रेस्क्यू ऑपरेशन का पहला चरण असफल होने के बाद टनल बनाने का काम चालू किया गया. सुरंग बनाने के लिए कुसमुंडा और मनेन्द्रगढ़ के एसईसीएल के अधिकारियों से चर्चा की गई. कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला सहित सभी अधिकारियों ने निरीक्षण किया. टोटल स्टेशन से ली गई गहराई के नाप के अनुसार खुदाई का कार्य किया गया.
राहुल तक पहुंची रेस्क्यू टीम
राहुल साहू बोरवेल में कैसे गिरा : पिहरीद गांव का राहुल अपने घर के पीछे खेलते समय राहुल शुक्रवार दोपहर को बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था. जैसे ही जिला प्रशासन को इस घटना की सूचना मिली देर शाम और रात से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया. कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला की अगुवाई में जिला प्रशासन की टीम पिहरीद गांव में पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरुआत की गई.
गुजरात से रोबोट इंजीनियर और ओडिशा से एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया: राहुल साहू को सुरक्षित निकालने के लिए युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला और एसपी विजय अग्रवाल ने राहुल के परिजनों से मुख्यमंत्री की बात कराई. सीएम के निर्देश पर गुजरात से रोबोट इंजीनियर को शनिवार को बुलाया गया. ओडिशा से एनडीआरफ की टीम को बुलाया गया. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में 4 IAS, 2 IPS, 5 एडिशनल SP, 4 SDOP, 5 तहसीलदार, 8 TIऔर 120 पुलिसकर्मी, EE (PWD), EE (PHE), CMHO, 1 सहायक खनिज अधिकारी, NDRF के 32 कर्मी, SDRF से 15 कर्मचारी और होमगार्ड के जवान शामिल रहें.
जांजगीर चांपा में ऑपरेशन राहुल पूरा
इन मशीनों का किया गया इस्तेमाल: जांजगीर के पिहरीद गांव में बोरवेल से निकालने में एक स्टोन ब्रेकर, 3 पोकलेन, 3 जेसीबी, 3 हाइवा, 10 ट्रैक्टर, 3 वाटर टैंकर, 2 डीजल टैंकर, 1 हाइड्रा, 1 फायर ब्रिगेड, 1 ट्रांसपोर्टिंग ट्रेलर, तीन पिकअप, 1 होरिजेंटल ट्रंक मेकर, ड्रिल मशीन, रोबोट मशीन और 2 जेनरेटर का उपयोग किया गया. मौके पर एंबुलेंस को भी तैनात कर रखा गया था.
किसका है बोरवेल: यह बोरवेल राहुल के पिता ने ही खुदवाया है. राहुल के पिता लाला साहू ने अपने घर की बाड़ी में पानी की व्यवस्था के लिए 120 फीट के करीब बोर कराया है. केसिंग लगाया गया था, लेकिन बोर में खराबी आने के कारण उस बोर को बंद कर दिया गया और उसकी केसिंग पाइप को भी निकाल दिया गया. बोर 6 से 8 इंच का हो गया. अपनी बाड़ी में खेलते हुए राहुल इसी बोर के अंदर गिर गया.