स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव जांजगीर चांपा: अकलतरा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक स्व. राकेश सिंह की स्मृति में शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने विधानसभा चुनाव 2023 में दोबारा कांग्रेस की सरकार बनने का दावा किया. स्व. राकेश सिंह को याद करते हुए उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला. उनके बेटे और जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राघवेद्र सिंह को भी जनसेवा के क्षेत्र में आगे बढ़ते रहने का आशीर्वाद दिया.
71 विधायकों में सबको रिपीट करना संभव नहीं:टीएस सिंहदेव ने मीडिया सें चर्चा करते हुए कहा कि "आगामी चुनाव मे किसको टिकट मिलेगा या किसका टिकट कटेगा, इसका अभी अंदाजा लगाना जल्दीबाजी होगी. अभी प्रदेश में जितने विधायक है उन सभी को रिपीट करना भी संभव नहीं है. कौन कटेगा और कौन बचेगा, ये पार्टी के बड़े नेता ही तय करेंगे."
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अब आगे क्या होगा ये समय ही बताएगा: टीएस सिंहदेव ने कहा कि 40 साल सें उन्होंने कांग्रेस में रह कर सेवा की है. 2018 के चुनाव में जो जिम्मेदारी दी गई थी, उसे ईमानदारी से निभाया. शीर्ष नेताओं ने कुछ चर्चा की थी, लेकिन समय निकलने के बाद भी उस पर जो निर्णय लिया गया, उसे भी स्वीकार किया. अब आगे क्या होगा ये समय ही बताएगा." उन्होंने कहा "पार्टी में लोग आते जाते रहेंगे, लेकिन छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए मजबूत भूमि है. आजादी कि लड़ाई से लेकर अब तक कांग्रेस मजबूत है." टीएस सिंहदेव ने आने वाले चुनाव में भी कांग्रेस की जीत का दावा किया है.
संभालकर रखी है पिता की विरासत: स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि "राकेश सिंह का 11 वर्ष पहले अचानक सबको छोड़ कर जाना पार्टी के साथ उनके परिवार और क्षेत्र की जनता के लिए बड़ी क्षति थी. उनके बेटे जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह पिता और पूर्वजों के राजनितिक विरासत को सम्हाल रखा है. आने वाले समय में टिकट चाहे किसी को मिले, जीत कांग्रेस की होने की उम्मीद है."
शुरू से ही नहीं थी राजनीति में रुचि:टीएस सिंहदेव ने मीडिया सें चर्चा करते हुए राज्य सरकार के कार्यों की तारीफ तो कि लेकिन अभी भी जन घोषणा पत्र के कई वायदे पूरा नहीं होने की चिंता जाहिर की. कहा कि "आगामी बजट में मुख्यमंत्री उन तमाम वादों को पूरा करने के लिए निश्चित है कुछ रास्ता निकालेंगे." एक बार फिर राजनीति में रूचि नहीं होने की बात कही. उन्होंने कहा कि "डैडी ने खत में वकालत करने और राजनीति से दूर रहने को लिखा था. दुर्भाग्य से मैं ये दोनों ही नहीं कर पाया." 1983 के नगरी निकाय चुनाव में उतरना राजनीति के भंवर में फंसना बताया.