छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

सचिव पर हुए FIR के विरोध में हड़ताल पर अधिवक्ता संघ - झूठे गवाहों के आधार पर रिपोर्ट

अकलतरा तहसील अधिवक्ता संघ हड़ताल पर है. संघ के सचिव पर एफआईआर दर्ज होने के बाद से संघ में प्रशासन को लेकर नाराजगी है. रसेड़ा गांव में बेजा कब्जा के विरोध के बाद से मामले ने तूल पकड़ा था. अधिवक्ता संघ का कहना है कि पुलिस सचिव को फंसा रही है.

akaltara-tehsil-advocates-association-on-strike
अकलतरा तहसील अधिवक्ता संघ हड़ताल पर

By

Published : Jan 2, 2021, 6:30 PM IST

जांजगीर-चांपा:अकलतरा तहसील अधिवक्ता संघ के सचिव यज्ञ कुमार साहू के विरुद्ध पुलिस ने मामला दर्ज किया है. जिसके विरोध में जिला अधिवक्ता संघ ने गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को पत्र लिखकर मामले को संज्ञान में लेने की मांग की है. मांग में कहा गया है कि सचिव के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए. अधिवक्ता संघ की ओर से प्रदेश में अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की भी मांग की जा रही है.

हड़ताल पर अधिवक्ता संघ

तहसील अधिवक्ता संघ का आरोप है कि अधिवक्ता यज्ञ कुमार साहू पर अकलतरा पुलिस ने हनुमान जी की मूर्ति तोड़ने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और गाली-गलौच करने सहित अलग-अलग धाराओं में नामजद रिपोर्ट दर्ज किया है. संघ का कहना है कि पुलिस जिस समय घटनाक्रम का होने की बता कह रही है उस समय यज्ञ कुमार साहू अकलतरा में थे, जिसका सीसीटीवी फुटेज भी मौजूद है. पुलिस ने अधिवक्ता के विरुद्ध बिना विवेचना की झूठे गवाहों के आधार पर रिपोर्ट दर्ज किया है.

पढ़ें:जांजगीर-चांपा: गांव की जमीन पर बेजा कब्जा करने से ग्रामीण आक्रोशित

क्या है पूरा मामला ?

अधिवक्ता संघ के अनुसार मामला रसेड़ा गांव के गौठान की साढ़े 7 एकड़ जमीन पर बेजा कब्जा करने से जुड़ा हुआ है. गांव के दबंगों ने शासकीय जमीन पर बेजा कब्जा किया है. जिसका विरोध अधिवक्ता यज्ञ कुमार साहू सहित ग्रामीण लगातार कर रहे हैं.

मामले को लेकर ग्रामीण भारी तादाद में 31 दिसंबर को कलेक्ट्रेट का घेराव करने भी पहुंचे थे. जहां पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक रोका था. तत्काल बेजा कब्जा छुड़वाने का आश्वासन देकर वापस भेजा दिया था. अधिवक्ताओं ने इस पूरे मामले के बाद अब छत्तीसगढ़ में अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग भी की है. फिलहाल अधिवक्ताओं के आंदोलन पर अधिकारियों का बयान नहीं आया है. मगर जल्द आंदोलन समाप्त नहीं होने पर न्यायालय आने वाले पक्षकारों की मुश्किलें बढ़ सकती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details