जांजगीर-चांपा : सरकार जिले के 411 प्राइवेट स्कूलों की कर्जदार बन गई है. इन स्कूलों के संचालकों ने अपने स्कूलों में राइट टू एजुकेशन (RTE) के तहत पिछले दो सालों में गरीब बच्चों को प्रवेश दिया और साल भर फ्री में पढ़ाया. इसके बाद सरकार ने अब तक इन स्कूलों के संचालकों को रुपए नहीं दिए हैं, जिससे सरकार दो सालों में 19 करोड़ से अधिक की कर्जदार बन गई है.
दरअसल, शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों में बच्चों को निशुल्क पढ़ाने के लिए 25 प्रतिशत सीट आरक्षित की गई हैं. स्कूलों को मान्यता देने के लिए अब RTE का पालन भी जरूरी है, लेकिन सरकार बच्चों को पढ़ाने के बदले में निजी स्कूलों को पैसा नहीं दे पा रही है.