जांजगीर-चांपा: छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में कोरोना के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, जिससे लोग खौफ में हैं, लेकिन इस दौरान जिलेवासियों के लिए एक अच्छी और बड़ी खबर निकलकर सामने आई है. मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक जांजगीर चांपा जिले में 99 फीसदी कोरोना संक्रमित मरीज एसिंप्टोमेटिक हैं. यानि इन मरीजों में कोरोना के लक्षण तो नहीं मिलते हैं, लेकिन ये लोग संक्रमित होते हैं. इसमें अच्छी बात ये है कि, ऐसे मरीज किसी और को संक्रमित नहीं कर सकते हैं.
कोरोना के एसिंप्टोमेटिक मरीज में कमजोर हो जाता है वायरस WHO के मुताबिक इन मरीजों को हॉस्पिटलाइज करना भी जरूरी नहीं होता है. एसिंप्टोमेटिक मरीज को होम आइसोलेशन में रखकर भी ठीक किया जा सकता है. छत्तीसगढ़ में अधिकांश कोरोना पॉजिटिव मरीज भी एसिंप्टोमेटिक हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, यहीं कारण है कि छत्तीसगढ़ में ऐसे मरीज जल्द ही रिकवर कर रहे हैं और इनकी रिकवरी के आंकड़े भी तेजी से बढ़े हैं. जांजगीर-चांपा जिले में भी 99 फीसदी एसिंप्टोमेटिक मरीज होने की पुष्टि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने की है.
एसिंप्टोमेटिक मरीजों से कम खतरा
देश-प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना के आंकड़ों के बीच यह एक राहत की खबर है. डॉक्टरों के मुताबिक बिना लक्षण के कोरोना पॉजिटिव मरीज लोगों के लिए उतना खतरा पैदा नहीं करते, क्योंकि इनमें कोरोना के वायरस कमजोर होते हैं. इनमें किसी और को संक्रमित करने की क्षमता लगभग खत्म हो चुकी होती है. बीते दिनों छत्तीसगढ़ में बिना लक्षण वाले कोरोना मरीज चिंता का विषय बने हुए थे, लगातार डॉक्टरों को यह डर सता रहा था कि इन मरीजों से कोरोना संक्रमितों के आंकड़ों में और भी इजाफा होगा, ऐसे में ये खबर राहत देने वाली है.
कोविड-19 एक्सक्लूसिव हॉस्पिटल में मरीज नहीं
जांजगीर-चांपा जिले में तीन वर्गीकृत कोरोना हॉस्पिटल तैयार किए गए हैं. इसमें एसिंप्टोमेटिक मरीजों के लिए दिव्यांग स्कूल को कोरोना केयर के रूप में डेवलप किया गया है, जबकि आकांक्षा परिसर को आइसोलेशन वार्ड में विकसित किया गया है. दोनों जगह सौ-सौ बेड की सुविधा दी गई है, जबकि एक्सक्लूसिव कोविड-19 हॉस्पिटल में 80 बेड की सुविधा है. जहां गंभीर कोरोना पॉजिटिव के मरीजों को भर्ती कराया जाना है. फिलहाल जांजगीर-चांपा जिले में एक भी मरीज कोविड-19 एक्सक्लूसिव हॉस्पिटल में भर्ती नहीं है, क्योंकि किसी में भी कोरोना पॉजिटिव के गंभीर लक्षण नहीं हैं.