जांजगीर-चांपाः जिले में कौशल विकास उन्नयन व्यवसायिक प्रशिक्षण लेने के बाद भी 40 प्रतिशत युवाओं को रोजगार नहीं मिला है. इस स्थिति में जिले में सभी 94 वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर का पंजीयन रद्द कर दिया गया है. सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नए नियम बनाए हैं, जिसके तहत सभी प्रशिक्षित लोगों को नौकरी या स्वरोजगार दिलाया जाएगा.
ट्रेनिंग के बाद भी युवाओं को नहीं मिला रोजगार सरकार की नई पॉलिसी के मुताबिक प्रशिक्षित बेरोजगारों को तीन माह के भीतर ही प्लेसमेंट दिलाने की स्थिति में ही वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर का क्लेम मान्य किया जाएगा. इन तीन महीनों की ट्रैकिंग की जिम्मेदारी राज्य प्राधिकरण की टीम को सौंपी गई है. इस अवधि में प्रशिक्षित लोगों को रोजगार नहीं मिलने पर वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर को क्लेम नहीं मिल पाएगा.
40 प्रतिशत युवाओं को नहीं मिला रोजगार
- बेरोजगार युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए जिले में 1 मई 2012 को कौशल विकास उन्नयन तहत योजना शुरू हुई थी.
- बेरोजगार युवाओं को कई क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने के लिए पूरे जिले में 94 वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर खोले गए थे.
- इसमें 43 शासकीय संस्था और 51 प्राइवेट वीटीपी हैं. इन संस्थानों में अब तक 21 हजार 84 बेरोजगारों को प्रशिक्षण दिया गया है.
- एक अनुमान के मुताबिक इनमें से 40 प्रतिशत ट्रेनी युवाओं को अब तक बेराजगार नहीं मिल पाया है.
नए नियम लागू
योजना को सुचारू रूप से संचालित करने और बेरोजगार यवाओं को ट्रेनिंग के बाद रोजगार मुहैया कराने के लिए नियम लागू किया गया है. शासन ने नियमों में कड़ा बदलाव करते हुए ट्रेनी युवाओं का तीन महीने के भीतर प्लेसमेंट करना जरूरी कर दिया है. साथ ही वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर के लिए 50 हजार रुपए बैंक गारंटी के तौर पर अनिवार्य कर दिया है.