बस्तर:छत्तीसगढ़ में मंगलवार 7 नवंबर को पहले चरण में मतदान होना है. पहले चरण में बस्तर संभाग में मतदान होगा, इसके लिए जिले के सभी मतदान केन्द्रों में मतदान दलों को रवाना कर दिया गया है. जिला निर्वाचन अधिकारी और एसपी ने संगवारी मतदान केंद्र के मतदान दल और संवेदनशील मतदान केंद्रों के मतदान दल को लाल गुलाब का फूल देकर पोलिंग बूथ रवाना किया. वहीं, दंतेवाड़ा में भी मतदान दलों को पोलिंग बूथ के लिए रवाना किया गया. मंगलवार को मतदान के लिए हर एक पोलिंग बूथ पर सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं.
बस्तर में मतदान टीम एक्टिव, पोलिंग टीम को गुलाब का फूल देकर बूथ की ओर किया गया रवाना, चांदामेटा और कलेपाल में पहली बार होगा मतदान
Voting team active in Bastar छत्तीसगढ़ में पहले चरण के मतदान की तैयारियां लगभग पूरी हो गई है. बस्तर के सभी पोलिंग बूथों में मतदान दल को रवाना कर दिया गया है. पहले चरण के मतदान वाले विधानसभा क्षेत्रों में कई सीट नक्सलगढ़ में पड़ने के कारण सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Nov 6, 2023, 6:32 PM IST
|Updated : Nov 6, 2023, 10:22 PM IST
मतदान टीम को किया गया रवाना:छत्तीसगढ़ में पहले चरण के मतदान में बस्तर जिले में कुल 3 विधानसभा जगदलपुर, चित्रकोट, बस्तर और 1 आंशिक नारायणपुर विधानसभा शामिल है. सभी क्षेत्रों में मतदान दलों को भेज दिया गया है. सोमवार सुबह जगदलपुर के धरमपुरा के शासकीय आदर्श महाविद्यालय के परिसर में मतदान सामग्री का वितरण किया गया. बस्तर कलेक्टर ने सभी मतदान सामग्री का वितरण केंद्रों के स्टॉल में जाकर निरीक्षण किया. संगवारी मतदान केंद्र, युवा मतदान केंद्र, दिव्यांग मतदान केंद्र के लिए अलग अलग स्टॉल बनाए गए हैं. बस्तर जिले में सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान किया जाएगा. जिले में कुल 760 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. जिसमें लगभग 4 हजार मतदान कर्मी मतदान की प्रकिया को सम्पन्न कराएंगे. जिले में 601995 मतदाता वोट मतदान करेंगे.
नक्सलगढ़ में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराना बड़ी चुनौती: वहीं, जिले के संवेदनशील क्षेत्रों में खास सुरक्षा के इतंजाम किए गए हैं. जिले का अति संवेदनशील क्षेत्र कहे जाने वाले चांदामेटा और कलेपाल गांव में शांतिपूर्ण मतदान करवाना एक बड़ी चुनौती है. इन क्षेत्रों में अधिक संख्या में जवान तैनात कर दिए गए हैं. वहीं, चुनाव से पहले नक्सलप्रभावित क्षेत्रों में नक्सली अपनी उपस्थिति भी दर्ज करवा रहे हैं. लगातार नक्सली पर्चा फेंक चुनाव के बहिष्कार की बात कह रहे हैं. हाल ही में दो बीजेपी नेताओं की हत्या के बाद कांग्रेस के नेताओं की हत्या धमकी भी नक्सलियों की ओर से मिली है. ऐसे में संवेदनशील क्षेत्रों में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराना बड़ी चुनौती है.