जगदलपुर: बस्तर में भाजपा की तीन दिवसीय चिंतन शिविर की शुरुआत हो चुकी है. इस शिविर में शामिल होने भाजपा के तमाम बड़े नेता बस्तर पहुंचे हुए हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय भी इस शिविर में शामिल होने पहुंचे हैं. इस दौरान ईटीवी भारत से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने इस शिविर को लेकर खास बातचीत की है. विष्णुदेव साय ने कहा कि बस्तर में हो रहे चिंतन शिविर से निश्चित तौर पर आगामी चुनाव में भाजपा नई रणनीति के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी और बस्तर के साथ-साथ पूरे प्रदेश में जीत दर्ज कर सरकार बनाएगी .
कांग्रेस अपने घर की करे चिंता,आपसी अंतरकलह से हो रही किरकिरी: विष्णुदेव साय - bjp congress fight
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. बस्तर में बीजेपी चिंतन शिविर में शामिल होने आए साय ने कहा कि ढाई ढाई साल के फॉर्मूले की वजह से कांग्रेस की छवि खराब हो रही है.
विष्णु देव साय ने कहा कि इस चिंतन शिविर का मुख्य बिंदु आगामी चुनाव में कैसे सफलता हासिल किया जाए वह है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के भाजपा नेताओं के मार्गदर्शन में इस शिविर में नई रणनीति बनाई जाएगी और उसके बलबूते पर आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा जीत दर्ज करेगी. उन्होंने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस की सरकार ने अपने ढाई साल के कार्यकाल में घोषणा पत्र में जो भी वायदे किए थे. उसमें एक भी वायदा पूरा नहीं कर पाई. इसे लेकर पहले ही छत्तीसगढ़ की जनता में आक्रोश है . आगामी दिनों में भाजपा जन जन तक इस सरकार की विफलता को गिनाने के साथ जनता को असलियत बताने का काम करेगी.
वही इस चिंतन शिविर को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच हो रहे बयान बाजी को लेकर विष्णु देव साय ने कहा कि, आज कांग्रेस में जिस तरह से अंतरकलह है और जिस तरह से बिखराव है. ऐसे में पहले कांग्रेस को अपने घर की चिंता करनी चाहिए. वहीं कांग्रेस के ढाई- ढाई साल के फॉर्मूले से पूरे प्रदेश में कांग्रेस के दो नेता के बीच कुर्सी दौड़ मची हुई है. जिस वजह से सरकार का छत्तीसगढ़ के विकास में बिल्कुल भी ध्यान नहीं है और इस अंतरकलह का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है. वही उन्होंने कांग्रेस के चिंता शिविर के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस पहले अपने घर की चिंता कर ले. जिस तरह से उनके बीच में अंतरकलह मचा हुआ है और दिल्ली तक जिंदाबाद और मुर्दाबाद के नारे लग रहे हैं. यह छत्तीसगढ़ के लिए काफी शर्म की बात है. ऐसे में कांग्रेस को पहले अपनी पार्टी और अपने नेताओं की चिंता करना चाहिए.