जगदलपुर: 23 सितंबर को विधानसभा उपचुनाव होने वाले हैं. कर्ज माफी और बैलाडीला के नंदराज पहाड़ी डिपॉजिट नंबर 13 को अडानी को बेचने छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार के बीच हुए एमओयू को खारिज करने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे राष्ट्रीय किसान परिषद के किसानों ने अपनी मांगे पूरी नहीं होने पर विधानसभा उपचुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है.
किसान संघ ने दी उप चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी, ये है मांग
किसान संघ ने विधानसभा उपचुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है. किसान संघ का कहना है कि बस्तर के ऐसे सैकड़ों किसान हैं, जिन्होंने अपने खेत जोतने के लिए ट्रैक्टर के लिए फाइनेंस करा रखा है और फाइनेंस कंपनी के मनमानी के वजह से कई किसान कर्जे में डूब गए हैं.
राष्ट्रीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुदरुराम कुंजाम का कहना है कि प्रदेश सरकार ने अपने घोषणा पत्र में सभी किसानों के कर्ज माफी की बात कही थी, लेकिन सरकार ने वादाखिलाफी करते हुए सिर्फ चुनिंदा किसानों का कर्ज माफ किया है. इसमें पूंजी पतियों की संख्या ज्यादा है.
- उन्होंने कहा कि बस्तर के ऐसे सैकड़ों किसान हैं, जिन्होंने अपने खेत जोतने के लिए ट्रैक्टर के लिए फाइनेंस करा रखा है और फाइनेंस कंपनी के मनमानी के वजह से कई किसान कर्जे में डूब गए हैं.
- उन्होंने बताया कि कई बार किसान संघ की ओर से मुख्यमंत्री को आवेदन दिया गया है, लेकिन सरकार की ओर से अब तक इस ओर कोई कदम नहीं उठाए गए हैं. जिसकी वजह से किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है.
- इसके अलावा किसानों ने कहा कि बैलाडीला के नंदराज राज पहाड़ी से आदिवासियों की आस्था जुड़ी हुई है, लेकिन आदिवासियों की आस्था को दरकिनार कर इस पहाड़ को अडानी को बेचने के फिराक में केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी लगी हुई है. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार के बीच एमओयू भी साइन हो चुका है.
किसानों ने कहा कि राज्य सरकार इस एमओयू को खारिज करें और उस पहाड़ को यथावत बने रहने दे. अगर सरकार उनकी यह मांग पूरी नहीं करती है तो राष्ट्रीय किसान परिषद के सैकड़ों किसान आगामी दिनों में दोनों विधानसभा में होने वाले उपचुनाव का बहिष्कार करेंगे.