जगदलपुर: इमली का नाम सुनते ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है. खट्टी और चटपटी इमली का स्वाद तो सभी लेना चाहते हैं. एशिया की सबसे बड़ी इमली मंडी कहे जाने वाले बस्तर में ग्रामीण अब इसी इमली के सहारे हैं. जगदलपुर के जामवाड़ा गांव में लॉकडाउन के कारण ग्रामीणों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में इन ग्रामीणों के लिए एक ही सहारा है और वो है बस्तर का वनोपज इमली.
वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से पूरे देश को लॉकडाउन करने के साथ ही सभी जिलों में धारा 144 लागू है. जिस वजह से शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के निवासी और खेती-किसानी के साथ-साथ दिहाड़ी मजदूरों के काम भी बंद हो जाने से इसका सीधा असर उनकी आजीविका पर पड़ा है.
आय का साधन बनी इमली
लॉकडाउन में हाट बाजार बंद होने से व्यापारियों पर आश्रित वनोपज संग्राहकों के हाथ भी तंग हैं. ऐसे में अभी बस्तरवासियों के लिए यहां की वनोपज इमली आय का साधन बनी हुई है. इससे ग्रामीणों को थोड़ी बहुत राहत मिल पा रही है.