सुकमा: नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में अज्ञात बीमारी से लगातार गांव वालों की मौत हो (Unknown disease havoc in Bastar Sukma) रही है. इस खबर को ईटीवी भारत पर प्रमुखता से दिखाए जाने के बाद राज्य सरकार हरकत में आ गई है. बीमारी का पता लगाने के लिए राज्य सरकार की टीम सुकमा पहुंची. इस बीमारी के बारे में जानकारी लेने के लिए यूनिसेफ की टीम ने भी सुकमा का दौरा किया. स्वास्थ विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जीजे राव के साथ यूनिसेफ की (61 people died due to unknown disease in Bastar) टीम गांव मंगलार को बस्तर पहुंची है.
सुकमा में अज्ञात बीमारी का कहर: दो साल में 61 की मौत, यूनिसेफ की टीम ने किया दौरा
सुकमा में अज्ञात बीमारी की वजह से अब तक 61 लोगों की मौत हो गई (Unknown disease havoc in Bastar Sukma) है. बताया जा रहा है कि यह मौतें दो साल से हो रही (61 people died due to unknown disease in Bastar) है. लेकिन अब तक स्वास्थ्य विभाग की टीम इस बीमारी का पता नहीं लगा पाई है. अब सीएमएचओ नया दावा कर ( UNICEF team visited Sukma) रहे हैं
लगातार बढ़ रही अज्ञात बीमारी: जानकारी के मुताबिक यूनिसेफ की टीम आदिवासियों के रहन-सहन सहित अन्य गतिविधियों पर भी सर्वे कर ( UNICEF team visited Sukma) रही है. वहीं गांव में पानी के सैंपल भी लिए गए हैं और उसकी भी जांच की जा रही है. साथ ही इसी गांव के अन्य गंभीर रूप से बीमार 5 मरीजों को सुकमा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सभी मरीजों के हाथ और पैर में सूजन की शिकायत बढ़ी है. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा रेगड़गट्टा गांव के साथ ही आसपास के आश्रित गांव के लोगों की भी जांच की जा रही है. ग्रामीणों का ब्लड सैंपल भी लिया जा रहा है और अन्य जांच भी की जा रही है.
ये भी पढे़ें: सुकमा में अज्ञात बीमारी से अब तक 61 लोगों की मौत, नहीं जागा प्रशासन
सीएमएचओ ने क्या कहा ?: सुकमा के मुख्य स्वास्थ अधिकारी ने बताया कि बड़ी संख्या में स्वास्थ विभाग की टीम कोंटा ब्लॉक के प्रभावित गांव रेगड़गट्टा पहुंची है. नदी नाले और दुर्गम रास्तों को पार करके यह टीम यहां पहुंची. रेगड़गट्टा गांव में दो साल के अंदर 61 लोगों की मौत के बाद स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए स्वास्थ विभाग की टीम गंभीर है. इसलिए इन गांवों तक पहुचने के लिए साधन नहीं होने के बावजूद टीम रेगड़गट्टा गांव तक पहुंची है. लगभग 1000 लोगों की जनसंख्या वाले ग्राम रेगड़गट्टा के साथ ही आश्रित गांव मूसलमड़गु और एलारमढ़गु में नियमित रूप से जांच शिविर लगाकर ग्रामीणों का ब्लड सैंपल भी लिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हेल्थ डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर और यूनिसेफ की टीम भी इस गांव का सर्वे कर रही है. और सर्वे रिपोर्ट आने के बाद ही इस बीमारी को लेकर कुछ कहने की बात भी स्वास्थ्य अधिकारी ने कही है. फिलहाल अज्ञात बीमारी का पता नहीं चल सका है.