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जगदलपुर: भूमकाल दिवस की 110वीं वर्षगांठ, आदिवासियों ने निकाली विशाल रैली

बस्तर में शहीद गुण्डाधुर के बलिदान दिवस पर बस्तर के हजारों आदिवासी भूमकाल दिवस के 110 वीं वर्षगांठ मनाने जगदलपुर में एकत्रित हुए और क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की.

Tribals celebrate 110th anniversary of Bhumkal Day
आदिवासियों ने मनाया भूमकाल दिवस की 110वीं वर्षगांठ

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Published : Feb 10, 2020, 8:42 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुर: बस्तर में शहीद गुण्डाधुर के बलिदान दिवस के रूप में हर साल सर्व आदिवासी समाज 10 फरवरी को भूमकाल दिवस मनाता है. इस साल भी सर्व आदिवासी समाज ने भूमकाल दिवस धूमधाम से मनाया. 110वीं वर्षगांठ के मौके पर बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोगों ने शहर में रैली निकाली जिसके बाद शहर के सीरासार परिसर में विशाल जनसभा का आयोजन भी किया गया.

आदिवासियों ने मनाया भूमकाल दिवस

दरअसल देश की आजादी के लिए अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ बस्तर में संघर्ष का शंखनाद करते हुए भूमकाल की शुरूआत की गई थी. समाज के लोगों ने बताया कि 'भूमकाल यानी जमीन से जुड़े लोगों का आंदोलन, जिसमें भूमकाल के महानायक शहीद गुण्डाधुर, डेबरीधूर और अन्य क्रांतिकारियों ने बलिदान दिया था.' आज इन्हीं क्रांतिकारियों को हजारों आदिवासियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर शहर में विशाल रैली निकाली गई और शहर के सीरासार परिसर में आदिवासी समाज के अध्यक्षों ने जनसभा को संबोधित किया.

'आदिवासियों के साथ सरकार कर रही छलावा'
इस दौरान भूमकाल दिवस के संयोजक कुमार जयदेव ने बताया कि 'आदिवासियों के महानायक वीर शहीद गुण्डाधुर और अन्य क्रांतिकारियों के बलिदान दिवस पर प्रदेश में शासकीय छुट्टी घोषित करने की लगातार मांग की जा रही है. साथ ही बस्तर जैसे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में 5वीं अनुसूची को पूरी तरह से पालन कराने की भी राज्य सरकार से अपील की गई है, लेकिन राज्य सरकार आदिवासियों के इन मांगों की अनदेखी कर फिर से उनके साथ छलावा कर रही है.'

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

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