रायपुर: छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का दिन है. बस्तर फाइटर्स परीक्षा के अंतिम परिणाम में बस्तर से ट्रांसजेंडर समुदाय के 9 लोगों का चयन हुआ है. 13 थर्ड जेंडर पुलिस आरक्षक के रूप में कार्यरत हैं. ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए ही नहीं लेकिन पूरे विश्व के लिए गर्व है. इन्होंने बस्तर फाइटर्स के लिए कड़ी मेहनत और लगन से पुलिस की बौद्धिक और शारीरिक परीक्षा पास की. पुलिस भर्ती में शामिल प्रतिभागियों ने भारतवर्ष और विश्व को यह संदेश दिया है कि उन्हें अपने हुनर दिखाने का मौका मिले तो वे स्त्री-पुरुष से कंधा से कंधा मिलाकर चल सकते हैं और वे भी सम्मानपूर्ण जीवन के हकदार हैं.
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बस्तर फाइटर्स में चयन होने से थर्ड जेंडर में खुशी: थर्ड जेंडर को समाज में कलंक माने जाने के कारण वे परिवार और समाज से बहिष्कृत किया जाता है. वे पूरी तरह से सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन में प्रतिभागी होने से वंचित रह रहे हैं. चयनित प्रतिभागी दिव्या निषाद कहती है कि "मैं आज बहुत खुश हूं. मेरे पास कोई शब्द ही नहीं है कि मैं इस खुशी को व्यक्त कर पाऊं. मैं और मेरी सभी साथियों ने इस परीक्षा के लिए बहुत मेहनत किया. यह हमारे लिए ऐसा अवसर था जिससे हमारी जिंदगी बदल सकती थी. इसलिए सबने दिन रात मेहनत की थी."