जगदलपुर: बस्तर में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पर्यटन स्थल को बंद करने का फैसला लिया गया था. लेकिन 1 नंवबर से सभी पर्यटन स्थलों को खोलने की अनुमति दे दी गई थी. इसके बाद से एक बार फिर पिकनिक स्पॉट में रौनक लौट आई है. लेकिन अलग-अलग जगह शुल्क देने के कारण पर्यटक खासा परेशान हैं.
तीरथगढ़ जलप्रपात में शुल्क ने बढ़ाई चिंता बस्तर में पदस्थ नये कलेक्टर रजत बंसल ने जिले के सभी पर्यटन स्थल को इको टूरिज्म से जोड़ने का फैसला लेते हुये तीरथगढ़ में 19 सदस्यों की एक समिति का गठन किया है. ये समिति तीरथगढ़ जलप्रपात में तैनात है. जिला प्रशासन के निर्देश पर अलग से सुरक्षा के लिए 100 रुपये और पार्किंग का 100 रुपये वसूल कर रहे हैं.
पर्यटक हो रहे हैं परेशान
पर्यटक पहले ही कांगेर वेली नेशनल पार्क के टिकट काउंटर से प्रति व्यक्ति 25 रुपये और पार्किंग का शुल्क देकर जलप्रपात पहुंचते हैं. बस्तर पहुंचे पर्यटक ने बताया कि जलप्रपात को देखकर आंखें मंत्रमुग्ध हो जाती हैं, लेकिन प्रशासन के नियम के कारण थोड़ी सी नारागी है, क्योंकि यहां अलग-अलग शुल्क जमा करना पड़ता है. इससे पर्यटकों को दिक्कत होती है. बस्तर पहुंचे पर्यटक ने जिला प्रशासन से मांग की है कि शुल्क एक जगह पर लिया जाए ताकि पर्यटकों को परेशानी नहीं हो.
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सुरक्षा के इंतजाम नहीं
विश्व विख्यात तीरथगढ़ जलप्रपात अपनी खूबसूरती के लिए देशभर में मशहूर है. यह जलप्रपात करीब 100 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरता है. इसे देखने के लिए हर साल देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी हजारों की संख्या में पर्यटक बस्तर पहुंचते है. यह जलप्रपात जितना खूबसूरत है, उतना ही खतरनाक भी है. कुछ साल पहले जलप्रपात से गिरकर 1 पर्यटक की मौत हो गयी थी. वहीं अचानक बाढ़ के चलते 1 परिवार रातभर जलप्रपात के बीचों बीच फंस गया था, जिसके बाद भी पर्यटन विभाग सचेत नहीं हो रहा है. यहां पहुंचने वाले पर्यटक अपनी जान जोखिम में डालकर जलप्रपात के नजदीक पहुंचकर तस्वीरें खिंचा रहें हैं, लेकिन उन्हें रोकने वाला या समझाइश देने के लिए कोई भी सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं है.