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Sukma Mavli Mela: 12 साल में एक बार लगता है छिंदगढ़ का मावली मेला

छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के सुकमा जिला के छिंदगढ़ में 12 वर्षों में एक बार होने वाले मावली मेले का शुभारंभ हो गया है. तीन दिवसीय इस मेले में शामिल होने के लिए आसपास के 64 परघना और पड़ोसी राज्य आंध्रप्रदेश और उड़ीसा से 94 देवी-देवताओं का आगमन इस मेले में हो चुका है. इस मेले की खास बात यह है कि इस मेले में मावली देवी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा भी इस मेले में पहुंचे.

Mavli Fair
मावली मेला

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Published : Mar 17, 2023, 12:05 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

बस्तर मावली मेला में पहुंचे कवासी लखमा

सुकमा: इस मेले में छिंदगढ़ गांव के नेगी परिवार प्रमुख होते हैं. यह मेला 12 वर्षों में एक बार लगता है. मेला में आस-पास के सैकड़ों हजारों गांवों से ग्रामीण पहुंचते हैं. मेला समिति सभी देवी-देवताओं को लेकर पहुंचते हैं. ग्रामीणों के लिए भी भोजन की खास व्यवस्था की गई है.

आबकारी मंत्री पहुंचे मेले में: छिंदगढ़ में आयोजित इस मेले में छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा सहित कई विधायक भी पहुंचे. ग्रामीणों ने मेले में पहुंचे मंत्री कवासी लखमा का भव्य स्वागत किया. स्थानीय धुरवा नृत्य के साथ छिंदगढ़ के बस स्टैंड चौक से मेला स्थल तक मंत्री के साथ नृत्य मंडली नृत्य करते हुए मेला स्थल तक पहुंची. इसी दौरान मंत्री कवासी लखमा भी आदिवासी ढोल बजाकर थिरकते दिखे.

पूर्व सरपंच आसमन नेगी से मिले आबकारी मंत्री: मेले में पहुंचे मंत्री कवासी लखमा को गांव के पूर्व सरपंच व प्रमुख आसमन नेगी के स्वास्थ्य खराब होने की जानकारी मिली. जिसके बाद मंत्री उनसे मुलाकात करने उनके निवास स्थान पहुंचे. आसमन नेगी मेले के प्रमुख और परगना के वरिष्ट हैं. उनकी आयु 90 वर्ष की है. स्वास्थ खराब होने की वजह से वो बिस्तर से नहीं उठ पाते हैं. इसलिए स्वयं मंत्री ने उनसे मुलाकात कर आशीर्वाद लिया और अपने साथी विधायकों से परिचय करवाया.

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मनोज देव का किया गया स्वागत:छिंदगढ़ गांव में हो रहे इस भव्य मेले में आज मेला समिति के मांझी चालकी और देवी देवताओं के द्वारा राज परिवार के मनोज देव का स्वागत किया गया. मनोज देव के आते ही छत्र लेकर उनका स्वागत किया गया. स्वागत के लिए गांव के प्रमुख चालकी और मांझी पहुंचे. उन्होंने उनका स्वागत कर उन्हें मंदिर की ओर चलने का आग्रह किया. राजा मनोज देव से पहले उनके पूर्वजों को ग्रामीण ऐसे ही मंदिर दर्शन के लिए विधि-विधान से ले जाया करते थे. मेले में राजा के आने के बाद ही सभी देवताओं की पूजा की शुरुआत भी होती है.

भूपेश बघेल लगातार कर रही काम:आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि "बस्तर की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार लगातार काम कर रही है. केरल राज्य की क्षेत्रफल के बराबर बस्तर का क्षेत्रफल है. यहां माड़िया, मुरिया, धुरवा, गोंड, कोया, दोरला विभिन्न प्रकार के आदिवासी निवास करते हैं. कोई माता गुड़ी को मानते हैं. कोई देव गुड़ी को मानते हैं. कोई घोटुल को मानते हैं. इसी तरह छिंदगढ़ में वर्षो पुराने मावली माता का मेला सम्पन्न होने जा रहा है. माता गुड़ी के लिए 30 लाख रुपये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिया है. आज मैं गुड़ी के पास 45 लाख रुपये के विकास कार्यों की घोषणा करता हूं. जिसमें बाउंड्रीवाल और सड़क का निर्माण किया जायेगा."

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

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