जगदलपुर: बुजुर्ग माता-पिता के साथ दुर्व्यवहार और ओल्ड एज होम की खबरों के बीच आपको ऐसे बेटे से मिलवाते हैं, जो 20 साल पुरानी पिता की गिफ्ट स्कूटर पर अपनी मां को मंदिरों के दर्शन करा रहा है. मैसूर के रहने वाले इस श्रवण कुमार का नाम कृष्ण कुमार है. अपनी इस यात्रा को कृष्ण कुमार ने मातृ सेवा संकल्प यात्रा का नाम दिया है.
कृष्ण कुमार ने बताया कि इस यात्रा की शुरुआत उन्होंने तब की जब मां ने कहा कि उन्होंने ससुराल और मायके के बाहर कोई जगह नहीं देखी है. वे अपनी 70 वर्षीय मां को लेकर अब तक 9 राज्यों के विभिन्न स्था नों का भ्रमण कर चुके हैं और इस दौरान छोटे-बड़े सभी मंदिरों में मां के साथ दर्शन कर रहे हैं. कृष्ण कुमार तेलंगाना से होते हुए बस्तर पहुंचे और सबसे पहले उन्होंने मां दंतेश्वरी का दर्शन किया.
पिता के गिफ्ट किए स्कूटर से करा रहे भारत भ्रमण
कृष्ण कुमार ने बताया कि वह अपनी बुजुर्ग मां को पूरे भारत का दर्शन कराने निकले हैं. 4 साल पहले उनके पिताजी की मृत्यु हो गई. उनके पिता ने 20 साल पहले उन्हें स्कूटर गिफ्ट किया था. वे अपने माता-पिता के एकलौते पुत्र हैं. पिताजी के मृत्यु के बाद कृष्ण कुमार ने अपनी 45 हजार की नौकरी से इस्तीफा दे दिया और कभी चार दीवारी से बाहर नहीं निकली अपनी मां को भारत भ्रमण कराने का संकल्प लिया. पहले तो इन्होंने नार्थ इंडिया की यात्रा कार से की. इस दौरान दिल्ली ,मथुरा, आगरा, वृंदावन, जम्मू ,हिमाचल ,राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों में करीब 2 महीने तक धार्मिक व पर्यटन स्थलों का भ्रमण किया इसके बाद वे अपने गृह नगर मैसूर चले गए.
मंदिरों के दर्शन करा रहे
बाकी बची यात्रा के लिए उन्होंने अपने पिता के द्वारा दी गई स्कूटर का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया और 20 साल पुरानी अपनी स्कूटर पर कृष्ण कुमार अपने माता के साथ यात्रा पर निकल गए. दूसरी बार यात्रा पर निकले कृष्ण कुमार अब तक आंध्र प्रदेश, पांडुचेरी ,केरल, गोवा ,महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और अब छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं. जहां उन्होंने दंतेवाड़ा में देवी दर्शन के साथ बस्तर के अन्य मंदिरों का भी दर्शन किया.
26 जनवरी 2018 से शुरू हुई यात्रा
उन्होंने बताया कि 16 जनवरी 2018 से उनकी यात्रा शुरू हुई थी. वे आगामी 2 महीने तक अन्य प्रदेशों में अपनी मां को भ्रमण के साथ छोटे बड़े मंदिरों में दर्शन कराएंगे. उन्होंने बताया कि बारिश, गर्मी, ठंड से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता उनका तो सिर्फ यही उद्देश्य है कि उनकी मां पूरे भारत का दर्शन करें. वह अपने भारत भ्रमण के दौरान अब तक अपने स्कूटर में 36 हजार किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं.
पति की मौत के बाद कमजोर हो गई थी कृष्ण कुमार की मां
इधर उनकी मां अपने पुत्र के मातृ सेवा पर गर्व महसूस कर रही हैं. कृष्ण कुमार की मां ने कहा कि वे 67 साल की उम्र तक अपने मायके और ससुराल के अलावा अपने राज्य के एक भी मंदिर का दर्शन नहीं कर पाई और पति के मृत्यु के बाद वे पूरी कमजोर हो चुकी थीं. लेकिन उनके बेटे कृष्ण कुमार ने उन्हें भारत भ्रमण कराने का संकल्प लिया जिसके बाद अपने बेटे के प्रति उनका प्यार विश्वास बढ़ने के साथ हिम्मत भी आ गई.
कृष्ण कुमार की माता ने बताया कि भारत भ्रमण के दौरान उनके बेटे रास्ते में पड़ने वाले हर छोटे-बड़े मंदिरों पर्यटन स्थलों का भी दर्शन करा रहे हैं और वे अपने बेटे के इस कार्य पर नाज कर रही हैं इसलिए वे पूरी तरह से चुस्त दुरुस्त हैं.