जगदलपुरः दंतेवाड़ा पुलिस ने जिस महिला हिड़मे को एक लाख रुपए इनामी नक्सली बताकर गिरफ्तार किया है. उस पर अब सवाल खड़े होने होने लगे हैं. सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है. यह महिला और कोई नहीं बस्तर में बेनुगाह आदिवासियों की रिहाई के लिए बनाए 'रिहाई मंच' की अध्यक्ष है. हिड़मे पिछले तीन साल से इस क्षेत्र में काम कर रही है. आदिवासियों के लिए वे दंतेवाड़ा जिले में भी लंबा आंदोलन किया था.
सोनी सोरी ने उठाए पुलिस पर सवाल
हिड़मे ने राज्यपाल और सीएम से मिलकर बस्तर के आदिवासियों की स्थिति और बंदियों की रिहाई के मुद्दों पर बात भी कर चुकी है. ऐसे में हिड़मे की गिरफ्तारी के बाद फिर से सरकार की समर्पण नीति पर सवाल उठना शुरू हो गया है. गिरफ्तारी मामले में सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी, छत्तीसगढ़ महिला अधिकार मंच की रिनचिन और हाइकोर्ट की अधिवक्ता गायत्री सुमन जगदलपुर पहुंचकर अधिकारियों से बात की. ये सभी बस्तर आईजी से मिलना चाहाते थे. लेकिन मुख्यालय से बाहर दौरे के चलते उनकी मुलाकात आईजी से नहीं हो पाई. जिसके बाद इन्होंने प्रेसवार्ता कर अपनी बात रखी.
धोखे से पुसिल ने किया गिरफ्तारः सोनी सोरी
सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी ने पुलिस पर आरोप लगया है कि पुलिस ने हिड़मे मरकाम की गिरफ्तारी धोखे से की है. हिड़मे उनके साथ महिला दिवस पर समेली में होने वाले महिला सम्मान समारोह के लिए पहुंची थी. समेली में बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर और दंतेवाड़ा की हजारों महिलाएं पहुंचने वाली थी. लेकिन पुलिस ने सभी को जबरन रोक दिया. इसका विरोध जब हिड़मे ने किया तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. इतना ही नहीं इसके बाद पुलिस ने झूठा मामला भी बना दिया.
दंतेवाड़ाः समेली में नहीं हुआ सोनी सोरी का कार्यक्रम, प्रशासन पर लगाये गंभीर आरोप