जगदलपुर : दशहरा पर्व में फूल रथ की परिक्रमा शुरू हो चुकी है. परंपरा अनुसार किलेपाल परगना के ग्रामीण रथ खींचते हैं. जो करीब 30 टन वजनी होता है. फूल रथ पर देवी दंतेश्वरी के छत्र को रथारूढ़ कराया जाता है. इससे पहले इस पूरे रथ को गेंदे के फूल से विशेष तौर पर सजाया जाता है. 600 सालों से भी अधिक से यह परंपरा आज भी अनवरत जारी है सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु देवी की आस्था और प्रगति के प्रतीक के रूप में खींचने के लिए आते हैं.
पहले नवरात्र की शुरुआत के साथ 12 चक्कों का रथ चलाया जाता था. विशाल और भारी भरकम रथ को खींचने में आने वाली दिक्कतें और सड़कों में बार-बार फंसने की वजह से विशेष अनुमति लेकर तत्कालीन राजा ने 6 दिनों तक चार चक्के का और इसके बाद 12 चक्के का रथ चलाने की परंपरा शुरू की. 2 अक्टूबर तक इसी परंपरा के अनुसार रोजाना फूल रथ की परिक्रमा होगी. जबकि 3 अक्टूबर से 2 दिनों तक 12 चक्के का रथ चलाया जाएगा.