जगदलपुर: बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि साल 2020 में नक्सलियों के खिलाफ बस्तर पुलिस पिछले 3 सालों के मुकाबले ज्यादा सफल रही. साल 2020 में पुलिस को नक्सलियों को बैकफुट पर लाने के लिए सफल साबित हुआ. आईजी ने सरेंडर करने वाले, मुठभेड़ में ढेर होने वाले नक्सलियों के साथ-साथ नए कैंपों की भी जानकारी दी.
नक्सलियों पर भारी पड़े जवान बस्तर आईजी के दिए आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 का हीरो रहा लोन वर्राटू अभियान. इस अभियान से प्रेरित होकर 342 नक्सलियों ने सरेंडर किया. करीब 112 एनकाउंटर हुए, जिसमें 40 हार्डकोर नक्सलियों को पुलिस ने मार गिराया. पुलिस और नक्सलियों के बीच पिछले साल हुई मुठभेड़ में एलओएस, एलजीएस , डीवीसी मेंबर जो कि इनामी नक्सली थे, वो भी मारे गए हैं.
14 नए पुलिस कैंप खुले
साल 2020 में बस्तर में 10 साल में कई पुलिस कैंप खोले गए. पिछले साल बस्तर संभाग के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रो में 14 नए पुलिस बेस कैंप खोले गए. यहां जवानों की तैनाती की गई.
438 नक्सली गिरफ्तार हुए
साल 2020 में बस्तर संभाग के 438 नक्सलियों को गिरफ्तार करने में पुलिस को सफलता मिली. इसके अलावा नक्सलियों के द्वारा लगाए गए 290 आईईडी पुलिस ने बरामद किए. मुठभेड़ों और सरेंडर नक्सलियों के पास से पुलिस ने 80 हथियार साल 2020 में बरामद हुए. आईजी ने बताया कि नक्सलियों के पास से जब्त हथियार में पुलिस ने एसएलआर, इंसास और थ्री नॉट थ्री और एके-47 शामिल है.
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36 जवान शहीद हुए
साल 2020 में नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई लड़ते 36 जवान शहीद हुए जबकि 105 जवान घायल हुए. मुठभेड़ के अलावा आईईडी ब्लास्ट से भी कई जवानों को क्षति पहुंची.
अंदरूनी इलाकों में हुआ विकास कार्य
आईजी ने बताया कि बस्तर संभाग के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नए कैंप खोलने की वजह से उसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं. पुलिस ने साल 2020 में इन कैंपों के माध्यम से नक्सल विरोधी अभियान के साथ-साथ जन सुविधा के लिए आवागमन हेतु सड़क, पुल पुलिया निर्माण कार्य को भी पूरा कराया. जिसमें साल 2020 में अंदरूनी क्षेत्रो में लगभग 400 किलोमीटर सड़क निर्माण का कार्य पूरा किया गया, इसके अलावा पल्ली- बारसूर सड़क जो पिछले 30 सालों से निर्माण नहीं हो पाया था इसे भी प्रारंभ कराया गया जिसका निर्माण कार्य प्रगति पर है.
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बंद स्कूलों और आश्रमों को शुरू कराया गया
यही नहीं अंदरूनी क्षेत्र में इंद्रावती नदी के ऊपर तीन महत्वपूर्ण पुल बनाए जा रहे हैं, जिसका कार्य प्रगति पर है. इसके अलावा एलडब्ल्यूई के तहत सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित गांवों में बिजली सुविधा उपलब्ध कराई गई. इसके अलावा नक्सल प्रभावित इलाकों में काफी लंबे समय से बंद स्कूल और आश्रमों को फिर शुरू कराया गया. इसके अलावा सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों को स्थापित कर इन्हें सुरक्षा कैंपों के नजदीक खुलवाया गया है, जहां ग्रामीण आसानी से राशन ले पा रहे हैं.
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कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत चलाये जा रहे हैं कई अभियान
इसके अलावा आईजी ने बताया कि बस्तर पुलिस ग्रामीणों का दिल जीतने के लिए कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत आमचो बस्तर आमचो पुलिस, मनवा पूना बीजापुर, तेंदमुंता बस्तर, मनवा दंतेवाड़ा मनवा पुलिस, निया नार निया पुलिस, आमचो पुलिस आमचो संगवारी और जोहार संगवारी जैसे सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रम भी चला रही है. इसके तहत ग्रामीणों को कैंप लगाकर उन्हें आवश्यक वस्तु देने के साथ सरकार के विकास कार्यों को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए प्रेरित कर रही है.