जगदलपुर:आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बस्तर में आदिवासी स्थानीय आरक्षण को बहाल को लेकर एक बड़ा आंदोलन करने जा रही है. 21 जून को बस्तर संभाग सहित प्रदेश के सभी जिलों में सर्व आदिवासी समाज धरना प्रदर्शन करेने वाली है. यह निर्णय सोमवार को जगदलपुर के तेतरखूंटी में आयोजित बैठक में लिया गया. सोमवार को हुई इस बैठक में विशेष रूप से 5वीं अनुसूची क्षेत्रों में स्थानीय आरक्षण बहाल करने और स्थानीय आदिवासियों की भर्ती, अनुसूचित क्षेत्रों में गैर आदिवासियों जमीन लीज के संबंध में, पेशा अधिनियम 2022 संसोधन को लेकर विस्तृत चर्चा की गई. बैठक में सर्व सम्मति से 21 जून को आरक्षण बहाली धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है.
Restoration Of Reservation: सर्व आदिवासी समाज आरक्षण बहाली को लेकर करेगा बड़ा आंदोलन - राज्य की राजनीतिक सरगर्मी
सर्व आदिवासी समाज 21 जून को बस्तर में बड़ा आंदोलन करने जा रहा है. आरक्षण बहाली को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का प्लान बना लिया है. चुनावी साल होने की वजह से मामला और गर्म हो गया है.
"पेशा का हो विस्तार":युवा प्रभाग के ललित नरेटी ने कहा कि "बस्तर 5वीं अनुसूचित क्षेत्र है. इसके लिए अलग नियम कानून है. पेशा नियम को आज बस्तर के प्रत्येक गांव गांव तक पहुंचाने की आवश्यकता है. जिससे ग्राम सभा सशक्त और मजबूत होगा. पेशा कानून और वनाधिकार कानून के तहत अनुसूची क्षेत्रों में सामुदायिक पट्टा बनाने की दिशा में बेहतर कार्य हो रहा है."
आंदोलन की चेतावनी:सर्व आदिवासी समाज के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने कहा कि "21 जून को होने वाले आरक्षण बहाली आंदोलन के बस्तर संभाग निर्णय के अनुसार पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन करके रैल्ली के माध्यम से जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा. इसके साथ ही सरकार को 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया जाएगा. यदि मांग पूरी नहीं होती है तो आगामी दिनों में अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी. जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी."
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के जैसे जैस नजदीक आ रहा है. राज्य की राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. राजनीतिक पार्टियां अपने अपने मुद्दों को लेकर जनता को साधने में जुटी हुई हैं.