जगदलपुर: मानसून को आए करीब 20 दिन होने को है. इस बारिश के मौसम में बस्तर में कई तरह की सब्जियां बिकती है. उनमें बोड़ा भाजी सबसे खास है. मानसून की फुहारों के बीच साल के पेड़ के नीचे और आस पास से यह भाजी गांठ का रूप में उगती है. बस्तर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में बोड़ा भाजी चार हजार रुपये प्रति किलो में बिकती है. जगदलपुर में स्थानीय लोग भी इसे खरीदकर बड़े चाव से खाते हैं.
बोड़ा की बिक्री से बस्तर के लोगों होती है अच्छी कमाई: बोड़ा सब्जी की बिक्री से बस्तर के लोगों को बंपर कमाई होती है. क्योंकि इस भाजी को उगाया नहीं जाता है. इसकी खेती नहीं की जाती है. बस्तर के जंगलों में पतझड़ के मौसम में साल पेड़ की पत्तियां नीचे गिरती है. पत्तियां धूप और बारिश की वजह से सड़ जाती है. उसके बाद उसमें फफूंद और गाठ बन जाता है. इसके बाद जमीन में दरारे पड़ती हैं. फिर जाकर बोड़ा पैदा होता है. बस्तर के गांवों में रहने वाले लोग नुकीली चीजों से इस बोड़ा को जमीन के अंदर से निकालते हैं. फिर उसके बाजार में बेचते हैं. जिससे इन्हें बंपर कमाई होती है.
सिर्फ बारिश के मौसम में मिलता है बोड़ा: बोड़ा भाजी सिर्फ बारिश के मौसम में ही मिलता है. बारिश का मौसम खत्म होते ही यह सब्जी बाजार से गायब होने लगती है. यही वजह है कि लोग इस सब्जी का इंतजार करते रहते हैं. बोड़ा की सब्जी जब आग पर पकती है तो यह और भी स्वादिष्ट हो जाती है. लोग बोड़ा भाजी के जायके के लिए महंगी कीमत भी चुकाते हैं.