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सड़क हादसों का बस्तर! हादसों ने छीनी जिंदगियां, लाखों की चालानी कार्रवाई के बाद नहीं थम रहे एक्सीडेंट

छत्तीसगढ़ के बस्तर में सड़क हादसें क्यों नहीं रूक रहे हैं, यह विषय सोचने वाला है. सब कुछ उठाकर देखा जाए तो खामियां दोनों ओर से हैं. चालक भी लापरवाही से वाहन चलाता है. जिससे हादसे होते हैं जबकि ट्रैफिक पुलिस और RTO के भरसक प्रयास के बाद भी हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं.

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सड़क हादसों का बस्तर

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Published : Jan 8, 2022, 8:30 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

बस्तर: यूं तो सड़क हादसों में रोजाना मरने वालों की संख्या हजारों में होती है. लेकिन हादसे किन कारणों से होते हैं. इस पर आज नजर डाली जाएगी. क्योंकि देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में भी सड़क हादसों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. छत्तीसगढ़ में बढ़ते सड़क हादसों ने सरकार को चिंता में डाल दिया है. हादसों से हुई मौत इतनी है कि कोरोना से हुई मौत के आंकड़े भी पीछे छूट गए हैं. बस्तर में 2 सालों में कोरोना से ज्यादा मौतें सड़क हादसों में हुई है. वहीं 600 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं. बावजूद इसके यातायात विभाग और जिला प्रशासन इन बढ़ते सड़क हादसों को रोक पाने में नाकाम साबित हो रहा है. बढ़ते सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजह ग्रामीण क्षेत्रों में क्षमता से अधिक यात्री वाहनों में सवारियों को बिठाना है. शराब के नशे में वाहन चलाना, नो पार्किंग क्षेत्र में बड़े वाहनों की एंट्री और अनियंत्रित होती ट्रैफिक व्यवस्था इन सब की मुख्य वजह मानी जाती है. लोक निर्माण विभाग और यातायात विभाग द्वारा सबसे अधिक दुर्घटना वाले क्षेत्र को चिन्हाकित किया जा चुका है लेकिन ब्लैक स्पॉट पर हादसों को रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. जिसके चलते बस्तर में सड़क हादसे साल दर साल बढ़ रहे हैं.

सड़क हादसों का बस्तर!

Chhattisgarh Road Accidents 2021: साल 2021 में सड़क हादसों में 5 हजार से ज्यादा की गई जान

चालानी कार्रवाई के नाम पर लाखों की वसूली

बस्तर सीएचएमओ डेविड राजन ने बताया कि साल 2020 और 21 में कोरोना से कुल 255 लोगों की जान गई है. जबकि यातायात विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2020 और 21 में बस्तर में कुल 959 दुर्घटना हुए हैं. जिसमें 380 लोगों की जानें गई है. वहीं पिछले 2 सालों में 751 लोग घायल हुए हैं. बढ़ते सड़क हादसों को लेकर यातायात विभाग और प्रशासन बिल्कुल भी गंभीर नहीं है. हर साल यातायात विभाग की ओर से चालानी कार्रवाई के नाम पर वाहन मालिकों से लाखों रुपए वसूले जाते हैं. बावजूद इसके बढ़ते हादसों को रोक पाने में विभाग नाकामयाब साबित हो रहा है. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 2 सालों में 26 लाख रुपए चलानी कार्रवाई के नाम पर वाहन मालिकों से वसूला गया है.

जागरूकता की कमी से बढ़ रहे सड़क हादसे

इधर साल के हर 3 महीनों में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक होती है. जिसमें बस्तर कलेक्टर से लेकर पुलिस और जिला प्रशासन के तमाम बड़े अधिकारी और शहर के गणमान्य नागरिक भी मौजूद होते हैं. बढ़ते सड़क हादसों को रोकने के लिए इन बैठकों में नए प्लान और नई रणनीति बनाई जाती है. हादसों में कहीं से भी कमी आती नजर नहीं आ रही है और साल दर साल मौत के भी आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं. यही नहीं ट्रैफिक रूल के प्रति जागरूक करने के लिए यातायात विभाग सड़क सुरक्षा सप्ताह का भी आयोजन करती है. सड़क सुरक्षा सप्ताह आयोजन के दौरान तो विभाग के कर्मचारी नियमों को लागू करवाने के लिए शहर वासियों को समझाइश तो देते हैं, लेकिन इसका भी कोई ठोस नतीजा निकलता नहीं दिख रहा है और हादसे बढ़ रहे हैं.

उठाए जा रहे हैं जरूरी कदम: सीएसपी

इधर, बढ़ते सड़क हादसों को लेकर जगदलपुर सीएसपी हेमसागर सिदार का कहना है कि बढ़ते सड़क हादसों को रोकने के लिए पुलिस विभाग पूरा प्रयास कर रही है. इसके लिए समय समय पर लोगों को यातायात नियमों का पालन कराने के लिए लोगों को जागरूक करने के साथ ही समझाइश भी दी जाती है. फिलहाल हादसों को रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह से गंभीर है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

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