जगदलपुर:बस्तर जिले में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान जाती है. ड्रिंक एंड ड्राइव और तेज रफ्तार वाहन चलाने के कारण सड़क हादसे अक्सर देखने को मिलते हैं. हालांकि, पिछले सालों की तुलना में इस साल यातायात विभाग के मुस्तैदी के चलते सड़क हादसों में कमी देखने को मिली. वहीं विभागों में आपसी सामंजस्य नहीं होने के चलते ब्लैक स्पॉट वाली जगहों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. जिसके चलते इन जगहों पर लगातार दुर्घटनाएं हो रही है.
हाई-वे पर कई जगहों पर स्पीड ब्रेकर की मांग के बावजूद पीडब्ल्यूडी विभाग लापरवाही बरतता रहा. इस साल करोना महामारी के चलते 3 महीनों के लिए किए गए लॉकडाउन में निश्चित तौर पर सड़क हादसे कम हुए. वहीं यातायात विभाग के मुस्तैदी से ड्रिंक एंड ड्राइव के मामलों पर भी कार्रवाई की गई. इसी का नतीजा रहा कि पिछले सालों की तुलना में इस साल सड़क दुर्घटना में मौत के कम मामले सामने आए हैं.
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तेज रफ्तार हादसे की बड़ी वजह
यातायात विभाग के प्रभारी कौशलेश देवांगन ने बताया कि बस्तर जिले में ड्रिंक एंड ड्राइव और तेज रफ्तार वाहन चलाने की वजह से सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा हुआ, लेकिन इस साल यातायात विभाग के पास मौजूद संसाधनों से लगातार रात में हाइवे पर ड्रिंक एंड ड्राइव केस में कार्रवाई की गई. इस साल ड्रिंक एंड ड्राइव मामले में 56 प्रकरण दर्ज किए गए, जिससे 3 लाख 30 हजार रुपये दंड के तौर पर वसूले गए. प्रभारी ने बताया कि इस साल यातायात विभाग की मुस्तैदी की वजह से दुर्घटनाओं में कमी आई है.
यातायात विभाग से मिले आंकड़े
- साल 2019 में बस्तर में कुल 520 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई
- इन हादसों में 205 लोगों की मृत्यु हुई
- 428 से ज्यादा लोग बुरी तरह से घायल हुए
- साल 2020 में 406 सड़क दुर्घटना के प्रकरण सामने आए
- इन हादसों में 161 लोगों की मौत हुई
- जबकि 305 लोग घायल हुए
पिछले साल की तुलना में मौत के आंकड़े के साथ ही सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े में भी कमी आई है. प्रभारी ने बताया कि इस साल यातायात विभाग ने बिना लाइसेंस, बिना हेलमेट और तेज रफ्तार ड्राइव जैसे केस के 6759 प्रकरण दर्ज किए और इन सभी से 25 लाख 88 हजार 9 सौ रुपये समन शुल्क वसूला गया.