जगदलपुर: देश के हर एक नागरिक तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिए हर पंचायत में लाखों रुपये की लागत से उप स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया है. जिससे स्थानीय नागरिकों को प्राथमिक उपचार मिल सके. लेकिन बस्तर जिले के बाकेल गांव के लोग अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर आश्रित हैं. क्योंकि यहां बने उप स्वास्थ्य केंद्र की हालत खस्ता है.
इलाज के लिए भटकने को मजबूर ग्रामीण जिला मुख्यालय जगदलपुर से 40 किलोमीटर दूर स्थित भानपुरी के बाकेल गांव में बने इस उप स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्था के नाम पर कुछ भी नहीं है. 5 साल पहले बाकेल में 20-30 लाख रुपये की लागत से एक उप स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण किया गया था. जो कि आज खंडहर में तब्दील हो गया है. इस पंचायत में उप स्वास्थ्य केंद्र नहीं होने की वजह से स्थानीय नागरिकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
इलाज के लिए तय करनी पड़ती है लंबी दूरी
ग्रामीणों ने बताया कि प्राथमिक इलाज के लिए उन्हें 10 से 15 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. यह समस्या रात के अंधेरे में और भी ज्यादा हो जाती है. जब किसी महिला को अचानक प्रसव पीढ़ा होती है. गर्भवती महिलाओं को कठिन परिस्थितियों में दूर हॉस्पिटल ले जाना पड़ता है. इस समस्या को देखते हुए ग्रामीणों ने सभी पंचायतों की तरह उनके पंचायत के उप स्वास्थ्य केंद्र भवन में सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है.
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कई बार कर चुके शिकायत
स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ स्वास्थ्य कर्मचारी सविता भारद्वाज ने बताया कि वे गांव में घूम-घूम कर ग्रामीणों का इलाज करते हैं. रात में यदि किसी महिला को प्रसव पीड़ा हो जाए तो उन्हें भानपुरी के सिविल अस्पताल ले जाना पड़ता है. ज्यादा गंभीर मामलों में मरीजों को दूसरे अस्पताल रेफर करना पड़ता है. सविता ने बताया कि वे लोग इस मामले में कई बार अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं. लेकिन स्थिति अब भी जस की तस है.