जगदलपुर: प्राइवेट स्कूलों में लगातार फीस बढ़ाने और री-एडमिशन के नाम पर मनमानी शुल्क वसूलने के खिलाफ अभिभावकों ने मोर्चा खोला है. जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए और इस पर सख्त कदम उठाते हुए निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगा दी है.
री-एडमिशन के नाम पर वसूली हुई, तो स्कूल की मान्यता होगी रद्द किताब और स्कूल ड्रेस लेने का दबाब
दरअसल, शहर में संचालित निजी स्कूलों के प्रबंधन ने स्कूल फीस में मनमानी बढ़ोतरी और री-एडमिशन के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही थी. यही नहीं स्कूल से ही बच्चों के किताब और स्कूल ड्रेस लेने के लिए भी पालकों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था.
अभिभावकों ने खोला मोर्चा
अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन की इस मनमानी से तंग आकर निजी स्कूलों के प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए चरणबद्ध तरीके से आंदोलन शुरू कर दिया था और बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर इनकी मनमानी पर रोक लगाते हुए ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई करने की मांग की थी.
स्कूल प्रबंधन को री-ऐडमिशन फीस बंद हो
इस मामले को संज्ञान में लेते हुए बस्तर कलेक्टर अयाज तंबोली ने सभी निजी स्कूलों के प्रबंधन की बैठक ली. उन्होंने स्कूल प्रबंधन को री-एडमिशन फीस को बंद करने और स्कूलों से बच्चों के पालकों पर किताबें और स्कूल ड्रेस लेने के लिए दबाव नहीं बनाने का आदेश दिया है. इसके साथ ही इस साल किसी भी प्राइवेट स्कूल से फीस में बढ़ोतरी न करने की हिदायत भी दी है.
कलेक्टर ने दी हिदायत
बस्तर कलेक्टर ने बताया कि निजी स्कूलों के प्रबंधन की बैठक लेकर उन्हें सख्त हिदायत दी है कि प्रशासन द्वारा बनाए गए सभी बिंदुओं का कड़ाई से वे पालन करें. इसके अलावा पूरी सख्ती से उन्होंने ये गाइडलाइन भी बनाई है कि सरकारी या प्राइवेट स्कूलों का कोई भी शिक्षक अपने घर पर या छात्र के घर जाकर ट्यूशन नहीं दे सकेगा.
स्कूलों पर होगी कार्रवाई
कलेक्टर ने शिक्षा का अधिकार कानून का सख्ती से पालन करने की नसीहत भी सभी स्कूल प्रबंधन को दी है. नियम का पालन नहीं करने की स्थिति में ऐसे स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है. इधर बस्तर कलेक्टर के इस निर्णय के बाद अभिभावकों ने अपने आंदोलन को खत्म करते हुए कलेक्टर के इस निर्णय का स्वागत किया है.