बस्तर:छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में भी आज 1 दिसंबर से धान खरीदी की शुरुआत (Paddy procurement start bastar) हुई. इस मौके पर जिले के साथ-साथ बस्तर संभाग के सभी धान खरीदी केंद्रों में स्थानीय जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन के बड़े अधिकारियों ने पहुंचकर धान खरीदी की शुरुआत कराई. हालांकि बस्तर संभाग में कुल 320 उपार्जन केंद्रों में से केवल 168 केंद्र में ही आज पहले दिन धान खरीदी हुई. जिसमें कुल 842 किसानों ने लगभग 28 हजार 222 क्विंटल धान बेचा, वहीं 152 केंद्रों में एक भी किसान धान बेचने नहीं पहुंच पाया.
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85 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य
जिला विपणन अधिकारी आरबी सिंह से मिली जानकारी के मुताबिक बस्तर संभाग में कुल 2 लाख 29 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है. जिनमें से 38 हजार किसानों ने नया पंजीयन करवाया है, इन किसानों से 85 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है, जिसकी कीमत करीब 16 अरब 15 करोड़ रुपये है.
हालांकि इस वर्ष पहले दिन काफी कम किसानों ने धान बेचने में रुचि दिखाई. अधिकारी ने भी माना कि कई धान खरीदी केंद्रों में व्यवस्था दुरुस्त नहीं होने की वजह से किसानों को टोकन नहीं मिल पाया. जिसकी वजह से वे आज पहले दिन धान नहीं बेच पाए.
विपक्ष ने लागाया आरोपी, आधी अधूरी तैयारी
विपक्ष ने भी आरोप लगाया है कि राज्य सरकार आधी अधूरी तैयारी के बीच किसानों से धान खरीद रही है. इन धान खरीदी केंद्रों में जिस तरह की तैयारी किसानों के लिए होनी चाहिए सरकार के द्वारा वह नहीं की गई है. साथ ही कई केंद्रों में किसानों के लिए ना तो बैठने के लिए कोई व्यवस्था की गई है ना शौचालय की और ना पेयजल की व्यवस्था है.
किसान चिंतित
किसान इस साल के धान खरीदी में काफी चिंतित दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि बेमौसम बारिश ने बस्तर संभाग के भी सैकड़ों किसानों के फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है. जिससे धान लाल हो गए हैं. हालांकि किसान शासन से मांग कर रहे हैं कि उनकी धान की खरीदी जाए. क्योंकि उन्होंने कर्ज लेकर धान उगाया है. ऐसे में अगर उनके धान शासन की ओर से रिजेक्ट कर दिए जाते हैं तो उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है.