जगदलपुर: करीब-करीब डेढ साल बाद इसी 16 जून से छत्तीसगढ़ में स्कूल खुलने के कयास (Schools reopen in Chhattisgarh) लगाये जा रहे हैं. कोरोना संक्रमण के कारण बंद पड़े स्कूलों (Schools closed due to corona infection) को खोलने के लिए अब पालक और बच्चे भी हामी भर रहे हैं. बस्तर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के ज्यादातर लोग स्कूल खोलने के पक्ष में हैं. बस्तरवासियों का मानना है कि कोरोना की वजह से बीते डेढ साल से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है. हालांकि ऑनलाइन क्लासेस चल रही है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में ऑनलाइन क्लास (online class in rural area) का कोई मतलब नहीं रह जाता है.
बस्तर संभाग के ज्यादातर इलाकों में नेटवर्क के साथ स्मार्ट फोन की समस्या है. ऐसे में बच्चे ऑनलाइन क्लासेस नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में पालक और छात्र एक बार फिर से स्कूल खोले जाने की बात कह रहे हैं. हालांकि, कुछ पालकों का यह भी मानना है कि जिस तरह से कोरोना के तीसरे लहर के संकेत मिल रहे हैं और इसमें बताया जा रहा है कि बच्चे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं. ऐसे में कुछ पालकों का मानना है कि कुछ दिन और ऑनलाइन ही पढ़ाई जारी रखना बेहतर होगा.
ग्रामीण इलाके के पालक कर रहे स्कूल खोलने का समर्थन
लॉकडाउन की वजह से बस्तर में बीते डेढ साल से सभी सरकारी और निजी स्कूल बंद पड़े हैं. हालांकि, बीते साल कोरोना के केस कम होने पर कुछ ग्रामीण इलाकों में स्कूल खोलने की अनुमति दी गई थी. जहां कुछ दिनों तक कक्षाएं भी लगी थी, लेकिन एक बार फिर से कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सभी स्कूलों को बंद करने के निर्देश जारी किए गए और वर्तमान में जिले के सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है.
इधर, स्कूलों के बंद होने से बीते डेढ़ साल से बच्चों की भी पढ़ाई प्रभावित हो रही है. कई बच्चे मोबाइल नेटवर्क नहीं होने और स्मार्ट फोन की कमी के कारण ऑनलाइन क्लास नहीं पा रहे हैं. इसके कारण बस्तर के ग्रामीण अंचलों में अधिकतर लोग स्कूल खोले जाने के पक्ष में हैं. लोगों का कहना है कि अगर 16 जून से स्कूल खोले जाते हैं तो शिक्षा विभाग को पूरे कोरोना गाइडलाइन के तहत स्कूलों का संचालन करना चाहिए.