बस्तर:छत्तीसगढ़ में मानसून दस्तक देने वाला है. मानसून की दस्तक के साथ ही बस्तर में नक्सलियों का मूवमेंट शुरू हो जाता है. नक्सली मानसून के दौरान पूरी तरह से सक्रिय हो जाते हैं. नक्सली अपने ठिकाने बदलने के साथ ही फोर्स को नुकसान पहुंचाने के भी कई तरह के पैंतरे अपनाते हैं. बरसात के मौसम में जब नदी-नाले उफान पर होते (Naxalite movement in Bastar) हैं, तब नक्सली जवानों पर हमला कर घने जंगलों में गुम हो जाते हैं.
बस्तर में मानसून नक्सली मूवमेंट शुरू मानसून में फोर्स को होती है दिक्कतें: मानसून के दौरान आज से 5 साल पहले फोर्स को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. लेकिन पिछले दो तीन सालों से बारिश के मौसम में भी फोर्स आक्रामक हुई है. नक्सलियों को मानसून में ऑपरेशन के दौरान मार गिराने में सफलता भी हासिल हुई है. बस्तर आईजी ने ईटीवी भारत को बताया कि इस साल भी कारगर रणनीति बनाते हुए बस्तर में तैनात सुरक्षाबलों द्वारा ऑपरेशन मानसून चलाया जाएगा.
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मानसून के दौरान लगातार चलाया जाता है ऑपरेशन: बस्तर आईजी सुंदरराज पी का कहना है, "ऑपरेशन मानसून के दौरान नक्सलियों को चौतरफा घेरने के लिए बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों और सीमावर्ती राज्यों के बीच समन्वय बनाया गया है. मानसून में भी इस संयुक्त टीम के द्वारा लगातार ऑपरेशन चलाया जाएगा. नक्सलियों के खिलाफ मानसून ऑपरेशन करीब 3 महीनों तक जारी रहेगा. हालांकि इस दौरान जवानों को भी खास सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है, क्योंकि बारिश के मौसम में नदी-नाले उफान पर होते हैं. ऐसे में जवानों को किसी तरह का खतरा ना हो, इसके लिए खास सतर्कता बरतने को कहा गया है.
बस्तर में ऑपरेशन मानसून को सफलता: बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया ''नक्सलियों के मूवमेंट पर पूरी तरह से नजर रखने का आदेश दिया गया है. ऑपरेशन मानसून के दौरान पिछले 2 सालों में बस्तर पुलिस को कई हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराने के साथ कुछ नक्सलियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल हुई थी. ऐसे में इस बार भी पूरी कोशिश है कि ऑपरेशन मानसून के दौरान ज्यादा से ज्यादा नक्सली संगठन को नुकसान पहुंचाया जाए."