बस्तर: नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन मानसून का फायदा फोर्स को मिल रहा है. कई नक्सली मारे गए तो कुछ ने डर के मारे सरेंडर कर दिया. मानसून सीजन आमतौर पर हर साल जंगलों के भीतर ऑपरेशन बंद कर दिए जाते थे, जिसका फायदा उठाकर नक्सली गांव में घुस जाते और नई भर्ती की कोशिश करते. फोर्स का मूवमेंट बंद होने से नक्सलियों के पास तैयारी का मौका होता था. मगर अब भारी बारिश में भी फोर्स नक्सलियों को बख्शने के मूड में जरा भी नहीं है. पिछले तीन चार साल से हर बारिश में ऑपरेशन मानसून चलाकर नक्सली मूवमेंट को खत्म किया जा रहा है. डीआरजी, एसटीएफ और अर्धसैनिक बल की टीम ज्वाइंट रूप से लगातार जंगल में ऑपरेशन कर रही है.
"पहले यह आम राय होती थी कि बरसात के मौसम में नदी-नाले उफान पर होने के कारण सुरक्षा बलों की ओर से ऑपरेशन नहीं चलाया जा सकता. लेकिन पिछले 3-4 सालों से मानसून के दौरान भी सुरक्षा बलों की ओर से अंदरूनी और सीमावर्ती इलाकों में लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं. इसके लिए हमारे सुरक्षा बलों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. सीआरजीएफ और कोबरा जैसे विशेष बल ये सभी ऑपरेशन करने में सक्षम हैं. इस मानसून सीजन में भी अभियान जारी रहेगा."-सुंदरराज पी, बस्तर आईजी