जगदलपुर: कोरोना वायरस से लगे लॉकडाउन से जिल के नगरनार में निर्माणधीन NMDC स्टील प्लांट में काम बंद हो गया, जिसके बाद प्लांट में झारखंड के 283 प्रवासी मजदूर फंसे थे. वहीं इन मजदूरों को अपने राज्य वापस लाने के लिए रविवार को झारखंड सरकार ने सात यात्री बसें भेजी हैं.
झारखंड सरकार की यात्री बस से हुए रवाना मजदूर दरअसल पिछले दो महीनों से सैकड़ों की संख्या में झारखंड के रहने वाले 283 प्रवासी मजदूर यहां फंसे हुए थे और उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे में ETV भारत ने मजदूरों की दयनीय स्थिती पर खबर दिखाई थी, जिसमें मजदूरों ने खबर के माध्यम से सरकार से राज्य वापस आने की अपील भी की थी. जिसके बाद झारखंड सरकार ने आखिरकार इन मजदूरों को लेने के लिए सात यात्री बसें भेजी. इन सभी यात्री बसों में यहां काम करने वाले लगभग 283 प्रवासी मजदूर अपने घर के लिए रवाना हुए.
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बिहार और झारखंड के थे मजदूर
बता दें कि नगरनार में निर्माणाधीन NMDC स्टील प्लांट में ज्यादातर मजदूर झारखंड और बिहार से हैं. लॉकडाउन के दौरान कुछ मजदूर तो पैदल ही अपनी मंजिल की ओर निकल चुके थे और कई मजदूर वहीं फंसे हुए थे. जिसके बाद अब राज्य सरकार और केंद्र सरकार की ओर से बसों का इंतजाम कर सभी मजदूरों को उनके घर भेजने की व्यवस्था की गई.
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हजारों मजदूरों को वापस भेजा गया
बता दें कि हैदराबाद, महाराष्ट्र से अपने घर झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के लिए भी कई मजदूर पैदल ही निकल पड़े, रायपुर के टाटीबंध में कई मजदूरों को शासन, प्रशासन और पुलिस की मदद से ट्रक और बसों का इंतजाम कर उनके गृह राज्य भी भेजा गया, सड़क और बसों के माध्यम से करीब 30 हजार श्रमिकों को उनके राज्य भेजा गया. वहीं पहले कुछ ऐसे मजदूर हैं जिन्हें कुछ दिनों पहले रायपुर से बसों के माध्यम से झारखंड भेजा गया था. रायपुर जिले से झारखंड जाने वाले मजदूरों के लिए रायपुर के धर्मपुरा राधा स्वामी सत्संग व्यास आश्रम से बसों का इंतजाम किया गया, जहां से 1000 से ज्यादा मजदूरों को बसों के माध्यम से झारखंड भेजा गया.