जगदलपुर: बस्तर जिले में पदस्थ जिला शिक्षा अधिकारी लगातार विवादों में बने हुए हैं. चाहे शिक्षकों का संलग्नीकरण का मामला हो या गलत तरीकों से शिक्षकों का तबादला का मामला हो. इन विवादों में एक और नया विवाद जुड़ गया है. यह मामला बस्तर में हुए अतिथि शिक्षकों की नियुक्तियों को लेकर है.
अतिथि शिक्षकों ने लगाया गड़बड़ी का आरोप
दरअसल जिला शिक्षा अधिकारी एचआर सोम ने दो दिन पहले ही जिले के शासकीय स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सूची जारी की है. इस सूची में भारी गड़बड़ी करने के आरोप पूर्व अतिथि शिक्षकों ने लगाया है. गुरुवार को यूथ कांग्रेस के साथ जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव करने पंहुचे प्रभावित अतिथि शिक्षकों ने शिक्षा अधिकारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
अतिथि शिक्षकों की सूची में गड़बड़ी पात्र लोगों को भी अपात्र कर दिया गया है- हेमंत कश्यप
यूथ कांग्रेस के नेता हेमंत कश्यप ने जिला शिक्षा अधिकारी पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी ने पात्र लोगों को अपात्र बता दिया है. वहीं कुछ लोगों का नाम चयन सूची में आने के बाद भी उनकी जगह किसी और को नियुक्त कर दिया है. इतना ही नहीं अधिकारी ने पहले से वहां पदस्थ बस्तर के स्थानीय अतिथि शिक्षकों को बेरोजगार करते हुए उन्हें उनके कार्यभार से मुक्त कर दिया है, जो कि नियमों के खिलाफ है. हेमंत का कहना है कि अधिकारी ने बस्तर के युवाओं को दरकिनार करते हुए बाहरी लोगों को नियुक्त किया है.
70 से अधिक शिक्षक पात्र नहीं
पूर्व अतिथि शिक्षकों ने आरोप लगाया कि जिले में ऐसे 70 से अधिक शिक्षक हैं जिनके नाम चयनसूची में आने के बाद उन्हें पात्रता सूची से हटा दिया गया है. जबकि वे पिछले 2 सालों से नियमित रूप से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. नियम के अनुसार उन्हें पहले पात्रता मिलनी चाहिए. उनके नाम चयनलिस्ट में जारी किये गये है लेकिन पात्रता की सूची से नाम हटा दिया गया है. अतिथि शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारी पर मिलीभगत करने और जालसाजी कर उन्हें लिस्ट से हटाने का आरोप लगाया है.
सीएम ने की थी नियुक्ति की घोषणा
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही सीएम भूपेश बघेल ने यह घोषणा की थी कि प्रदेशभर में शासकीय कार्यालयों में नए पदों में भर्तियां की जाएंगी. इन भर्तियों में सबसे पहले स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी. इसके बाद मंत्रालय ने भी 2018 - 19 में भर्ती हुए स्थानीय अतिथि शिक्षकों को उनके ही क्षेत्र में नियुक्त करने का आदेश जारी किया था. लेकिन आरोप है कि जिला शिक्षा अधिकारी ने मंत्रालय के आदेश की अवहेलना करते हुए अपनी मनमानी यहां जारी रखी हुई है.