जगदलपुर: बोधघाट परियोजना के शुरू होने में अभी समय है. इस परियोजना का लगातार विरोध किया जा रहा है. इस मुद्दे पर अब सियासत चरम पर है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस परियोजना को आदिवासी किसानों के हित में बता रहे हैं. वहीं कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े होकर इसका विरोध कर रहे हैं. इस परियोजना से प्रभावित होने वाले क्षेत्र के ग्रामीण भी राज्य सरकार का विरोध कर रहे हैं.
इस परियोजना के विरोध में आदिवासियों का साथ दे रहे आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष कुंजाम ने भी जगदलपुर में पत्रकारों से चर्चा कर अपनी बात रखी. सीपीआई नेता मनीष कुंजाम का कहना है कि इस परियोजना को बिना सोचे समझे लाया गया है. इससे कितने किसानों को नुकसान होगा इसका आकलन भी नहीं किया गया है. बोधघाट मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान पूरी तरह से तानाशाह लग रहा है. कांग्रेस पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि यह वही पार्टी है जो चुनाव के बाद टाटा से प्रभावित किसानों को उनकी जमीन वापस दिलवाने का दंभ भर रही थी. अब यही पार्टी उसी क्षेत्र में किसानों की जमीन डुबोने पर आतुर है.
बोधघाट परियोजना के लिए पहले ग्रामीणों से बात करें सीएम-मनीष कुंजाम
मनीष कुंजाम ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया है कि यह सोची समझी रणनीति है. किसानों का हित केवल एक दिखावा है. परियोजना के पूरे होते ही इनके मालिक जो बड़े-बड़े व्यापारी हैं, वे सामने आ जाएंगे.