बस्तर:शारदीय नवरात्र (Shardiya navratra 2021) शुरु हो चुका है. वहीं बीते देर रात किन्नर समाज (Kinnar samaj)के द्वारा श्रृंगार यात्रा निकाली गई. देर रात बग्गी में सवार साज शृंगार किये किन्नरों (Kinnar) ने शहर में यह यात्रा निकाली. साथ ही मां दंतेश्वरी (Maa Danteshwari) के भजन की धुन में थिरकते हुए नजर आये.
बता दें कि देर रात किन्नर समाज मां दंतेश्वरी (Maa Danteshwari) के दरबार पहुंचे और रात करीब 3 बजे जैसे ही मां दंतेश्वरी (Maa Danteshwari)का दरबार खुला वैसे ही पहली दर्शन किन्नरों (Kinnaro) ने की. जिसके बाद माता को पहली चुनरी (First chunri) और श्रृंगार (Makeup) चढ़ाया गया. इसके साथ ही किन्नरों ने मां दंतेश्वरी से अपने साथ ही समाज के हर वर्ग के लिए खुशहाली की कामना की.
किन्नर चढ़ाते हैं मां दंतेश्वरी को पहली चुनरी
दरअसल हर साल नवरात्रि के शुरू होने से पहले देर रात किन्नर समाज ही मां दंतेश्वरी को पहली चुनरी चढ़ाते हैं. इस दौरान किन्नर समाज के सभी लोग श्रृंगार कर मां दंतेश्वरी के दरबार पहुंचते हैं और नाच गाने के साथ मां की भक्ति में सराबोर हो जाते हैं.
पड़ोसी राज्य से भी आते हैं किन्नर
वहीं, ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बस्तर किन्नर समाज की अध्यक्ष रजनी यादव ने बताया कि हर साल किन्नरों की श्रृंगार यात्रा में जगदलपुर के अलावा पड़ोसी राज्य उड़ीसा से भी किन्नर भव्य यात्रा में शामिल होने के लिए बस्तर पहुंचते हैं. हर वर्ष नवरात्रि के पहले दिन किन्नरों द्वारा यह यात्रा निकाली जाती है. इसमें बड़ी संख्या में लोगों का भी समर्थन मिलता है. बकायदा माता रानी के भजन के धुन पर सभी किन्नर थिरकते हुए माता को चुनरी और श्रृंगार का सामान चढ़ाने के लिए मंदिर पहुंचते हैं.
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किन्नरों की गहरी आस्था मां से जुड़ी
इस दौरान सभी किन्नर सात शृंगार किए होते हैं. मां दंतेश्वरी के प्रति किन्नरों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है. यही वजह है कि हर साल नवरात्रि के पहले दिन पहली चुनरी और सिंगार का सामान किन्नरों के द्वारा ही माता को चढ़ाया जाता है.
पहले दिन पहला दर्शन करते हैं किन्नर
नवरात्रि के एक दिन पहले किन्नर समाज के द्वारा निकाली जाने वाली यात्रा में शामिल होने के लिए शहर की महिलाएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती है. साथ ही शहर के सभी व्यापारियों के द्वारा भी इसमें सहयोग किया जाता है. इस बारे में किन्नरों ने बताया कि वह भी समाज का एक प्रमुख अंग हैं. इस पूजा के पीछे उनका उद्देश्य होता है कि सभी व्यापारियों व बस्तर वासियों पर किसी तरह की समस्या ना आए और किसी की गोद खाली ना रहे. इसलिए मां दंतेश्वरी से वे प्रार्थना करने पहुंचते हैं. मान्यता है कि नवरात्रि में मां दंतेश्वरी का पहला दर्शन किन्नरों के द्वारा ही किया जाता है.