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बिना सुरक्षा के घर-घर से कचरा उठा रही हैं जगदलपुर की स्वच्छता दीदियां - कोरोना काल में स्वच्छता दीदी का बड़ा रोल

कोरोना संक्रमण के इस बुरे दौर में स्वच्छता दीदियां लगातार काम कर रही हैं. लेकिन जगदलपुर नगर निगम स्वच्छता दीदियों के प्रति लापरवाही बरत रहा है. ना तो उन्हें जूते दिए जा रहे हैं और ना ही उन्हें दस्ताने दिए गए हैं. दीदियां बिना दस्तानों के घरों से कचरा उठा रही हैं. इन सफाईदूतों के हाल और उनका सवाल ETV भारत आप तक लेकर आया है.

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स्वच्छता दीदियां

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Published : Apr 20, 2021, 9:56 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर:सालभर से पूरी दुनिया कोरोना महामारी से लड़ रही है. फ्रंटलाइन वर्कर्स लगातार खुद की परवाह किए बिना सेवा में लग हुए हैं. स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ सफाईकर्मियों का योगदान भी सैल्यूट करने लायक है. बस्तर की स्वच्छता दीदियां भी इस दौरान लगातार अपना काम कर रही हैं. वे कोरोना काल में भी बिना घर में टिके लोगों के घरों का कचरा उठा रही हैं. लेकिन जगदलपुर नगर निगम की तरफ से उन्हें वे सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा रही है, जिसकी वो हकदार हैं. ETV भारत उनका हाल आपको सुना रहा है.

जगदलपुर की स्वच्छता दीदियां

निगम की लापरवाही

जगदलपुर नगर निगम में 400 से अधिक सफाई कर्मचारी हैं. इनमें 100 से ज्यादा स्वच्छता दीदियां डोर टू डोर कचरा संग्रहण का काम करती हैं. जबकि कुछ कर्मचारी शाम और सुबह दोनों वक्त पूरे शहर में झाड़ू लगाकर सफाई करते हैं. बावजूद इसके जगदलपुर निगम प्रशासन इन सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा को ताक में रखकर घोर लापरवाही बरत रहा है.

बिना दस्ताने और जूतों के शहर साफ करती स्वच्छता दीदी

ना पैरों में जूते ना हाथों में दस्ताने

शहर के 48 वार्डों में डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाली स्वच्छता दीदियों के पास ना तो पैरों में जूते हैं और ना ही हाथों में दस्ताना. इसके बाद भी वे लोगों को इस महामारी से बचाने बिना किसी सुरक्षा कवच के अपना काम कर रही हैं. इन दीदियों का कहना है कि उन्हें निगम की ओर से साल भर में सिर्फ एक जोड़ी दस्ताने दिए जाते हैं. वो भी फट जाने या खराब हो जाने के बाद उन्हें अपने पैसों से खुद खरीदना पड़ता है. शुरुआती दौर में जूते तो दिए गए लेकिन ज्यादातर कर्मचारियों को जूते फिट ही नहीं हुए जिसके बाद उन्हें बदला ही नहीं गया. पैरों में चप्पल पहनकर और बिना दस्ताने के ही कई स्वच्छता दीदियां कचरा उठाने को मजबूर हैं.

सालभर में मिलते हैं सिर्फ एक जोड़ी दस्ताने

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कंटेनमेंट जोन में भी बिना सुरक्षा के जा रही स्वच्छता दीदियां

स्वच्छता दीदियों का कहना है कि कोरोना महामारी की वजह से उन्हें भी संक्रमण की चपेट में आने का डर बना रहता है. क्योंकि वे ऐसे घरों से भी कचरा उठाती है जिसमें कोरोना संक्रमित मरीज भी हैं. निगम की तरफ से कंटेनमेंट जोन और होम आइसोलेशन वाले मरीजों के घरों से कचरा उठाने के लिए किसी तरह की व्यवस्था नहीं की गई है. स्वच्छता दीदियों का कहना है कि कई बार उन्होंने सुरक्षा किट की मांग की लेकिन सिर्फ एक जोड़ी दस्ताने देकर उन्हें शांत कर दिया गया.

घरों से कचरा उठाती स्वच्छता दीदी

शवों का दाह संस्कार करने वाले कर्मचारियों को PPE किट

नगर निगम के आयुक्त प्रेम कुमार पटेल का कहना है कि निगम की तरफ से मुक्तिधाम में कोरोना से संक्रमित मरीजों के शवों का दाह संस्कार करने वाले सभी कर्मचारियों को PPE किट उपलब्ध कराए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों के मेडिकल वेस्ट के संग्रहण के लिए कर्मचारियों को PPE किट उपलब्ध कराया गया है. PPE किट की अवधि सिर्फ एक दिन ही रहती है. आयुक्त का कहना है कि सिर्फ मुक्तिधाम के कर्मचारियों को ही PPE किट दिए जा रहे हैं.

सफाई कर्मचारियों को सुरक्षा किट साल में सिर्फ एक बार ही दिए जा रहे हैं. आयुक्त ने कहा कि जरूरत पड़ने पर और सुरक्षा किट निगम की तरफ से खरीदे जाएंगे. अब सवाल उठता है कि क्या सिर्फ अंतिम संस्कार के दौरान ही सुरक्षा उपकरण जरूरी है. स्वच्छता दीदियां जो कंटेनमेंट जोन में जाकर कोरोना संक्रमितों के मरीजों के घरों से कचरा उठाती है उन्हें क्या सुरक्षा की जरूरत नहीं है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

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