जगदलपुर:बस्तर जिले में बहुत ही जल्द विकास की एक और कहानी जुड़ जाएगी. यहां देश का दूसरा सबसे बड़ा फूड पार्क (india second largest food park) बनाया जा रहा है. जिसमें लगभग 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. इस फूड पार्क में बस्तर के लघु वनोपज को एक जगह इकट्ठा कर इनके प्रोडेक्ट तैयार करने के बाद इन्हें देश-विदेशों में एक्सपोर्ट किया जाएगा. ये फूड पार्क लगभग 10 एकड़ में तैयार किया जा रहा है. जो महीनेभर में बनकर तैयार हो जाएगा.
बस्तर में तैयार हो रहा देश का दूसरा सबसे बड़ा फूड पार्क 8 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा फूड पार्क
जिले के सेमरा गांव में बस्तर जिला प्रशासन की तरफ से बस्तर फूड पार्क का निर्माण किया जा रहा है. लगभग 8 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस फूड पार्क में बस्तर के सभी लघु वनोपज का प्रसंस्करण केंद्र स्थापित होगा. इमली, महुआ, काजू से लेकर बस्तर के सभी लघु वनोपज (minor forest produce) के लिए यहां प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जा रहे हैं. वन-धन के जरिए वनोपज को प्रोसेस करने के लिए 30 से 40 यूनिट लगाई जा रही है. इस प्लांट में बस्तर जिले के साथ-साथ संभाग के लगभग 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. जिसमें विभिन्न महिला स्व सहायता समूह व स्थानीय आदिवासी शामिल हैं.
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बस्तर के लिए मील का पत्थर साबित होगा फूड पार्क
बस्तर कलेक्टर रजत बंसल (Collector Rajat Bansal ) ने बताया कि ट्रायफेड (TRIFED) भारत सरकार की संस्था है. जिसकी मदद से सेमरा में 8 करोड़ का फूड पार्क डेवलेप किया जा रहा है. इस फूड पार्क में लघुवनोपजों का प्रसंस्करण की बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी. ये प्रोजक्ट पूरे बस्तर जिले के लिए माइलस्टोन साबित होगा. महीने भर के अंदर इस फूड पार्क का काम पूरा हो जाएगा. इस फूड पार्क के जरिए हजारों आदिवासियों और लघु वनोपज संग्रह करने वालों को रोजगार मिलेगा. आने वाले सालों में बड़ी मात्रा में यहां से बस्तर प्रोडेक्ट्स देश और विदेशों में एक्सपोर्ट किए जा सकेंगे.
8 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा फूड पार्क महुआ से बनाई जाएगी ब्रिजर ड्रिंक
कलेक्टर ने बताया कि हाल ही में ट्राइफेड के संचालक प्रवीण कृष्ण (TRIFED Director Praveen Krishna) ने बस्तर में फूड पार्क बनाये जाने के प्रस्ताव में हामी भरने के साथ ही गोवा की फेनी की तरह ही बस्तर महुआ से ब्रिजर ड्रिंक तैयार करने के लिए हरी झंडी दिखा दी है.
50 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार बस्तर प्रोडेक्ट्स
बस्तर में महुए के लड्डू, कैंडी, चाय, इमली कैंडी, सॉस, काजू के प्रोडेक्ट्स के साथ ही वनोपज से कई प्रोडक्ट तैयार किए जा रहे हैं. इन्हीं लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए फूड पार्क तैयार हो रहा है. जिससे नक्सलियों के लिए जाने जाना वाला बस्तर अब अपने वनोपज के लिए देशभर में पहचाना जाएगा.