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3 साल में हो जाएगा बस्तर संभाग से नक्सली संगठन का खात्मा: आईजी - नक्सलवाद

बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि बीते वर्षों में लगभग 8 हजार वर्ग किलोमीटर में नक्सल संगठन का कब्जा समाप्त किया गया. आने वाले 3 से 4 सालो में बस्तर संभाग से नक्सली संगठन का खात्मा होगा. अपने संगठन के समाप्त होने के डर से सीपीआई (माओवादी) संगठन के महासचिव बसवराजू और उनके लुटेरे दल बौखलाहट में है.

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बस्तर आईजी सुंदरराज पी

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Published : Apr 20, 2021, 11:07 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: बीते दिनों बस्तर संभाग में नक्सलियों ने कई वारदातों को अंजाम दिया. मंगलवार को बस्तर आईजी ने एक बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल में बस्तर संभाग के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र जैसे मिनपा, तर्रेम, धरमावरम, गलगम, पोटाली और कोलेंग जैसी कुल 24 जगहों पर सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं. क्षेत्र की जनता की मांग के अनुसार सड़क, पुल-पुलिया, बिजली और अन्य मूलभूत सुविधाए उपलब्ध कराई जा रही है. शासन की इस कार्ययोजना से बीते वर्षों में लगभग 8 हजार वर्ग किलोमीटर में नक्सल संगठन का कब्जा समाप्त किया गया.

बस्तर आईजी सुंदरराज पी

आईजी ने कहा कि इस इलाके में रहने वाले स्थानीय जनता को राहत दी गई है. पुलिस प्रभावी रूप से काम करती है तो आने वाले 3 से 4 सालो में बस्तर संभाग से नक्सली संगठन का खात्मा होगा. अपने संगठन के समाप्त होने के डर से सीपीआई (माओवादी) संगठन के महासचिव बसवराजू और उनके लुटेरे दल बौखलाहट में है. निर्दोष आदिवासियों की हत्या कर रहे हैं.

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आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि जैसे चीन में 1954 से लेकर 1976 तक सत्ता को काबिज रखने के लिए माओसे-तुंग ने लाखों नागरिकों की निर्भीक हत्या की. वैसी ही दंडकारण्य क्षेत्र में खो रहे जनाधार को फिर से हासिल करने के लिए बसवराजू, सुजाता, हरिभूषण, गणेश उइके, रामचंद्र रेड्डी जैसे नक्सली लगातार प्रयास कर रहे हैं. तेलुगु नेतृत्व द्वारा हिड़मा, पापाराव, देवा, विनोद, मनीला, जगदीश जैसे स्थानीय कैडर्स को इस्तेमाल कर दंडकारण्य क्षेत्र में निर्दोष आदिवासी ग्रामीण की हत्या कर प्रताड़ित कर रहे हैं.

'नक्सली संगठन दिशाविहीन'

उन्होंने कहा कि दिसंबर, 2019 में तत्कालीन दंडकारण्य स्पेशल जोन कमेटी के सचिव रमन्ना के मृत्यु के बाद दंडकारण्य क्षेत्र में स्थानीय आदिवासी कैडर को DKSZC सचिव बनाने की मांग करने वाला मुड़ियामी विज्जा जैसे अनेक आदिवासी नक्सली कैडर्स की बसवराजू और उनके दल ने हत्या करवा दी. इस प्रकार अंदरूनी कलह से जुझ रही सीपीआई (माओवादी) संगठन जनता और मीडिया का ध्यान भटकाने के लिए निर्दोष ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं. बसवराजू सीपीआई (माओवादी) संगठन की वर्ष 2018 से नेतृत्व संभाल रहा है. तब से नक्सली संगठन दिशाविहीन और नेतृत्वविहीन हो चुका है.

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साल 2021-22 काफी महत्वपूर्ण

आईजी ने कहा कि वर्ष 2021-22 काफी महत्वपूर्ण और निर्णायक होगा. जिसमें एकजूट होकर नक्सलियों की जनविरोधी, आदिवासी विरोधी और विकास विरोधी हरकतों का मुंहतोड़ जवाब देकर स्थानीय जनता को नक्सल आतंक से मुक्ति दिलाने का प्रयास किया जाएगा. बस्तर में शांति व्यवस्था स्थापित करना और जनता के जानमाल की रक्षा करने का दायित्व सभी सुरक्षाबल और स्थानीय प्रशासन द्वारा दृढ़ संकल्पित होकर निभाया जाएगा.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

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