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'बस्तर के नक्सलियों को मरने के लिए छोड़कर आलीशान जिंदगी जी रहे आंध्र प्रदेश के नक्सली' - बस्तर के नक्सली

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में हुए मुठभेड़ में मारे गए 13 नक्सलियों में 3 नक्सली बस्तर के थे. आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि आंध्र प्रदेश कैडर के बड़े नक्सली अपने बच्चों को हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में पढ़ा लिखाकर सुरक्षित जीवन दे रहे हैं. जबकि बस्तर के आदिवासियों को गुमराह कर उन्हें लाल आतंक के दलदल में धकेल रहे हैं.

statement of IG Sunderraj P
आईजी सुंदरराज पी

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Published : May 26, 2021, 8:55 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में हुए मुठभेड़ में 13 नक्सली मारे गए थे. शिनाख्त से पता चला कि मारे गए नक्सलियों में से 3 नक्सली बस्तर के सुकमा और बीजापुर जिले के रहने वाले हैं. जिस पर बस्तर आईजी ने कहा कि बस्तर के आदिवासी ग्रामीणों को गुमराह कर आंध्र के बड़े नक्सली कैडर्स उन्हें मरने के लिए हर जगह भेजते आए हैं और खुद बड़े शहरों में रहकर सुरक्षित जीवन जी रहे हैं.

सुंदरराज पी, आईजी, बस्तर

बस्तर के आदिवासियों को नक्सल संगठन में बड़े पदों पर नियुक्ति नहीं करने का मामला हो या, जमीनी लड़ाई में पुलिस के साथ मुठभेड़ का मामला. हर जगह स्थानीय नक्सलियों को आगे करने का आरोप नक्सल संगठन पर लंबे समय से लगता रहा है. ताजा मामला छत्तीसगढ़ से लगे महाराष्ट्र का है, जहां गढ़चिरौली में हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ में 13 नक्सलियों के मारे जाने के बाद जब उनके शव की शिनाख्त की गई. तब पता चला कि उनमें से 3 नक्सलियों का शव बस्तर के सुकमा और बीजापुर जिले में रहने वाले नक्सलियों के हैं. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि नक्सल संगठन के शीर्ष नेता खुद बड़े-बड़े शहरों में रहते हैं. अपने बच्चों को हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में पढ़ा लिखाकर सुरक्षित जीवन दे रहे हैं. लेकिन बस्तर के भोले भाले लोगों को गुमराह कर नक्सली हिंसा में मरने के लिए धकेल रहे हैं.

गढ़चिरौली में 13 नक्सलियों को ढेर करने वाले कमांडों का भव्य स्वागत

बस्तर के आदिवासियों को नक्सलियों का दोहरा चेहरा समझना चाहिए

आईजी ने आगे कहा कि जब बस्तर के स्थानीय आदिवासी जो नक्सल संगठन से जुड़े हुए हैं, उनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है. उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया जाता है. मामला चाहे बस्तर का हो या फिर अन्य राज्यों का. जहां भी नक्सल संगठन सक्रिय है, वहां बस्तर के आदिवासियों को गुमराह करने मुठभेड़ की पहली पंक्ति में खड़ा कर दिया जाता है. जहां भी नक्सलियों को नुकसान होता है, उसमें ज्यादा संख्या बस्तर के आदिवासी ग्रामीणों की होती है. बस्तर आईजी ने यह भी कहा कि अब बस्तर के आदिवासियों को नक्सलियों का दोहरा चेहरा समझना चाहिए और मुख्यधारा से जुड़कर सुरक्षित जीवन जीना चाहिए.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

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