जगदलपुर: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में हुए मुठभेड़ में 13 नक्सली मारे गए थे. शिनाख्त से पता चला कि मारे गए नक्सलियों में से 3 नक्सली बस्तर के सुकमा और बीजापुर जिले के रहने वाले हैं. जिस पर बस्तर आईजी ने कहा कि बस्तर के आदिवासी ग्रामीणों को गुमराह कर आंध्र के बड़े नक्सली कैडर्स उन्हें मरने के लिए हर जगह भेजते आए हैं और खुद बड़े शहरों में रहकर सुरक्षित जीवन जी रहे हैं.
बस्तर के आदिवासियों को नक्सल संगठन में बड़े पदों पर नियुक्ति नहीं करने का मामला हो या, जमीनी लड़ाई में पुलिस के साथ मुठभेड़ का मामला. हर जगह स्थानीय नक्सलियों को आगे करने का आरोप नक्सल संगठन पर लंबे समय से लगता रहा है. ताजा मामला छत्तीसगढ़ से लगे महाराष्ट्र का है, जहां गढ़चिरौली में हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ में 13 नक्सलियों के मारे जाने के बाद जब उनके शव की शिनाख्त की गई. तब पता चला कि उनमें से 3 नक्सलियों का शव बस्तर के सुकमा और बीजापुर जिले में रहने वाले नक्सलियों के हैं. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि नक्सल संगठन के शीर्ष नेता खुद बड़े-बड़े शहरों में रहते हैं. अपने बच्चों को हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में पढ़ा लिखाकर सुरक्षित जीवन दे रहे हैं. लेकिन बस्तर के भोले भाले लोगों को गुमराह कर नक्सली हिंसा में मरने के लिए धकेल रहे हैं.