जगदलपुर: भाजपा के चिंतन शिविर (BJP chintan shivir) में शामिल हुए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह (Raman singh) ने सीएम पद को लेकर चल रही उठापटक पर तंज कसा है. उन्होंने कहा है कि राज्य बिजली और अकाल के संकट से गुजर रहा है और प्रदेश में कुर्सी दौड़ चल रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के हाथों में सीटी है और वह उसे बजाकर यह खेल करवा रही है.
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह सोनिया गांधी जिम्मेदार-रमन
अब प्रदेश के संकट को भूल कर पूरी सरकार फाइनल सीटी का इंतजार कर रही है. जिससे तय हो सके कि इस कुर्सी दौड़ का आखिरकार विजेता कौन होता है. इस पूरे कार्यक्रम में कांग्रेस के कार्यकर्ता से लेकर नेता तक उलझे हुए हैं ,वहीं प्रदेश की जनता बेहाल है उसे बिजली कटौती और अल्प वर्षा से बन रही अकाल की स्थिति से मुक्ति चाहिए तो इधर कांग्रेस सरकार के प्रमुख अपने ही खेल में उलझे हुए हैं. साथ ही उन्होंने कांग्रेस के घोषणा पत्र को झूठ का पुलिंदा बताया, गंगाजल की बात पर भी पलटने और प्रदेश को शराब की लत में झोंकने का जिम्मेदार बताया है.
दिल्ली में दिखा नारों का खेल-रमन
रमन सिंह ने कहा कि राजधानी दिल्ली में एक नेता दूसरे नेता को नारों से चुनौती दे रहा है. रमन सिंह ने कांग्रेस में कुछ भी ठीक नहीं होने की बात कही और उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ता अपनी ही पार्टी के नेताओं को चुनौती देने वाला नारा लगा रहे हैं. एक गुट दूसरे गुट को उससे बड़ा और अड़ा बता रहा है. सीएम भूपेश 50 से अधिक विधायकों को दिल्ली ले जा कर क्या दिखाना चाहते हैं. इस पर भी वे कुछ नहीं कहते. प्रदेश में आज की राजनीतिक स्थिति क्या है यह किसी को पता नहीं है. रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश में सारे विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं बस्तर इसका खुद गवाह है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार दिवालिया हो गई है. इसके चलते ही प्रदेश में सड़कों का काम रोक दिया गया है, गरीबों के 11 लाख से अधिक प्रधानमंत्री आवास नहीं बन पाए हैं, योजना संचालन के लिए जो पैसे जमा किये जाते हैं वो पैसे तक प्रदेश सरकार के पास नहीं हैं, अपने ढाई साल के कार्यकाल में सरकार एक भी विकास कार्य नहीं कर पाई है और ना ही विकास कार्य को लेकर सरकार के पास कोई प्लान है.
रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि इस चिंतन शिविर चिंता करते करते भाजपा की एक ओर चिंता बढ़ गई है कि आने वाले ढाई साल में भूपेश बघेल को टारगेट कर आंदोलन होगा, लेकिन अब यह लग रहा है कि किसको टारगेट करें ?