जगदलपुर: बढ़ती जनसंख्या और महंगाई के इस दौर में अपने परिवार की जिम्मेदारी को लेकर चलने वाले पुरुषों में नसबंदी को लेकर रुचि नहीं दिख रही है. बस्तर में महिलाओं के मुकाबले पुरुष नसबंदी के लिए जागरूक नहीं है और ना ही वे अस्पतालों तक नसबंदी कराने पहुंच रहे हैं.स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 7 सालों के आंकडों को देखे तो पुरुष नसबंदी का आंकड़ा महिला नसबंदी की तुलना में 20% तक भी नहीं है. वहीं इस वर्ष भी नसबंदी का लक्ष्य पूरे बस्तर संभाग में 3 हजार रखा गया है और अब तक केवल 170 लोगों ने ही नसबंदी कराया है और इनमें से महिलाओं की संख्या अधिक है.
दरअसल स्वास्थ विभाग के द्वारा परिवार नियोजन के लिए प्रचार प्रसार कार्यक्रम चलाने के बावजूद भी बस्तर में पुरुष नसबंदी को लेकर रुचि नहीं दिखा रहे हैं. स्वास्थ विभाग के संयुक्त संचालक आर.एन गोटा का कहना है कि इस समय नसबंदी के लिए होने वाले शिविर बंद कर दिए गए हैं और केवल जिले के महारानी अस्पताल और डिमरापाल अस्पताल में ऑपरेशन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पुरुषों को नसबंदी के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है लेकिन वे आगे नहीं आ रहे हैं और अपनी जगह पर महिलाओं को भेज रहे हैं जिसके चलते उनकी संख्या कम हो रही है. नसबंदी में महिलाओं को ज्यादा परेशानी होती है जिसकी जानकारी पुरुषों को भी है बावजूद इसके वे आगे नहीं आ रहे हैं.