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घर वापसी अभियान से बौखलाए नक्सली, DRG जवानों के परिवार को बना रहे निशाना

दंतेवाड़ा में पुलिस घर वापसी ऑपरेशन चला रही है. जिसके तहत पुलिस ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण युवाओं को DRG में शामिल करने की कोशिश कर रही है. इससे बौखलाए नक्सली युवाओं के परिजनों को टारगेट कर रहे हैं और उन्हें घर वापस बुलाने का दबाव बना रहे हैं.

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Published : Jul 13, 2020, 6:34 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

JAGDALPUR POLICE GHAR VAPSI ABHIYAAN
फाइल इमेज

जगदलपुर:नक्सल समस्या के समाधान के लिए दंतेवाड़ा में चल रहे घर वापसी ऑपरेशन के जवाब में नक्सलियों ने भी ऑपरेशन घर वापसी शुरू कर दिया है. नक्सली अब गांव से जो युवा डीआरजी में शामिल हुए हैं उन्हें वापस लौटाने के लिए दबाव बना रहे हैं. इसके लिए उन्होंने उनके परिजनों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है.

घर वापसी अभियान से बौखलाए नक्सली

दरअसल, बस्तर पुलिस ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण युवाओं को सुरक्षाबल में शामिल करने की कोशिश कर रही है. बीते 1 साल में केवल दंतेवाड़ा जिले में ढाई सौ से ज्यादा युवाओं को डीआरजी में भर्ती किया गया है और इनमें कुछ नक्सल समर्थक भी रह चुके हैं. जिन्हें आत्मसमर्पण के बाद पुलिस में शामिल किया गया है. अब इसका असर दिखाई देने लगा है, युवाओं को पुलिस की तरफ जाते देख बौखलाए नक्सली उनके परिजनों पर हमला कर रहे हैं.

किरंदुल के गुमियापाल इलाके में नक्सलियों ने हाल ही में सिलसिलेवार दो वारदातों को अंजाम दिया है. पहले केस में मुखबिरी के शक पर एनएमडीसी कर्मचारी की हत्या और उसके ठीक बाद डीआरजी के जवान के माता-पिता के अपहरण की वारदात हुई. बीते छह महीनों के आंकड़े देखा जाएं तो इसी तरह दंतेवाड़ा जिले में ही नक्सलियों ने डीआरजी में शामिल हो चुके जवानों के परिजनों को निशाना बनाया है.

पढ़ें-नक्सल मोर्चे पर बड़ी कामयाबी, इनामी नक्सली डेविड की निशानदेही पर नक्सलियों का डंप बरामद

नक्सली जवानों के परिजनों पर बना रहे दबाव

इन वारदातों में तीन हत्याएं हो चुकी है. जबकि एक मामले में अपहरण की बात सामने आई है. इन सभी हत्या और अपहरण की वारदात से साफ तौर पर नजर आ रहा है कि नक्सली जवानों के परिवार पर दबाव बना रहे हैं कि वह अपने बच्चों को वापस गांव बुलाएं, पुलिस में न जाने दें.

'पुलिस का घर वापसी अभियान होगा सफल'

पुलिस में शामिल होकर ऑपरेशन के दौरान वे अपने ही गांव में नक्सल संगठन में शामिल युवाओं को निशाना बनाते हैं. ऐसे में नक्सली नहीं चाहते कि गांव से कोई भी पुलिस में शामिल हो. हालांकि पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है कि घर वापसी अभियान से नक्सली बौखलाए हुए है, इसलिए सरेंडर किए हुए नक्सलियों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे. लेकिन पुलिस का घर वापसी अभियान सफल होगा और नक्सली जरूर बैकफुट पर होंगे.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

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